Jamshedpur News : जिले के सरकारी अस्पतालों को नहीं मिल रहे हैं विशेषज्ञ डॉक्टर, जानिये कारण

Jamshedpur News : जिले के सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार नियुक्ति प्रक्रिया चलायी जा रही है

By RAJESH SINGH | April 17, 2025 1:21 AM

सरकारी व्यवस्था से नाराज डॉक्टर निजी अस्पतालों की ओर कर रहे रूख

Jamshedpur News :

जिले के सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार नियुक्ति प्रक्रिया चलायी जा रही है, लेकिन इच्छुक डॉक्टर सामने नहीं आ रहे हैं. हाल ही में सदर अस्पताल में विभिन्न विभागों के लिए दस विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर इंटरव्यू आयोजित किया गया था, लेकिन एक भी डॉक्टर इंटरव्यू में नहीं आये. इसके क्या कारण हैं, इसपर विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है.

स्थायी नियुक्ति नहीं होने से नौकरी जाने का खतरा

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. एसी अखौरी का कहना है कि सरकार डॉक्टरों को स्थायी नियुक्ति नहीं दे रही, बल्कि अनुबंध पर रख रही है. इससे डॉक्टरों को हर समय अपनी नौकरी खोने का डर रहता है. ऐसे में वे या तो निजी अस्पतालों में नौकरी करना पसंद करते हैं या अपना क्लिनिक और नर्सिंग होम खोल लेते हैं. डॉ. अखौरी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज की बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, न जरूरी उपकरण, न दवाइयां और न ही डॉक्टरों के ठहरने की समुचित व्यवस्था. इन कारणों से मरीजों का इलाज प्रभावित होता है और कई बार नाराज मरीज डॉक्टरों के साथ मारपीट तक कर बैठते हैं. वहीं सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों पर राजनीतिक हस्तक्षेप इतना अधिक होता है कि वे स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाते. इससे उनके मनोबल पर असर पड़ता है और वे ऐसे माहौल में काम करने से कतराते हैं.

पीजी और सुपर स्पेशलाइजेशन की पढ़ाई की कमी

पूर्व सिविल सर्जन डॉ. एसके झा ने बताया कि राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी का एक बड़ा कारण यह भी है कि यहां के मेडिकल कॉलेजों में पीजी और सुपर पीजी की पढ़ाई सीमित है. जितने छात्र बेहतर पढ़ाई के लिए बाहर जाते हैं, उनमें अधिकतर वापस नहीं आते हैं. वहीं के किसी अस्पताल से जुड़ जाते हैं. इस परिस्थिति में आम जनता को मजबूरन महंगे निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है. सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए योजनाएं तो बन रही हैं, लेकिन जमीनी हालात अभी भी चुनौतीपूर्ण है.

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