खुद करना था बर्खास्त, विभाग को भेजी अनुशंसा

जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा टीबी विभाग में बहाली की अनियमितता के तार सदर अस्पताल के ओएसटी सेंटर की बहाली से जुड़ गये हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 12, 2020 5:07 AM

जमशेदपुर : जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा टीबी विभाग में बहाली की अनियमितता के तार सदर अस्पताल के ओएसटी सेंटर की बहाली से जुड़ गये हैं. झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से जून 2019 में सदर अस्पताल में संचालित ओएसटी सेंटर के लिए काउंसेलर, नर्स और डाटा मैनेजर की बहाली प्रक्रिया वर्तमान सिविल सर्जन डॉ महेश्वर प्रसाद की चेयरमैनशिप में पूरी की गयी थी.

इस बहाली में भी आवश्यक मानकों का पालन नहीं किया गया और साक्षात्कार के आधार पर बतौर काउंसेलर प्रिसकिल्ला सुरीन, नर्स सराति महतो और डाटा मैनेजर के रूप में पूर्णिमा कर्मकार का चयन कर लिया गया था.

इसी ओएसटी सेंटर की डाटा मैनेजर पूर्णिमा कर्मकार व सारति महतो के खिलाफ ही बर्खास्तगी की अनुशंसा गलत आचरण और व्यवहार के लिए सदर अस्पताल की जांच टीम ने की है. नियमानुसार दोनों को बर्खास्त करने का पूरा अधिकार चयन कमेटी के चेयरमैन सिविल सर्जन को है. बताया जाता है कि पूर्णिमा की बर्खास्तगी को लटकाये रखने के लिए ही उन्होंने अनुशंसा विभाग को भेज दी है.

स्वास्थ्य विभाग में चर्चा है कि टीबी विभाग की बहाली में तीन-तीन पदों के लिए एक ही दिन परीक्षा देने वाली और दो पदों के लिए चयनित ओएसटी सेंटर से बर्खास्तगी की अनुशंसा वाली पूर्णिमा कर्मकार को ज्वाइनिंग दिलाने के लिए विभाग के सभी नियम और प्रावधान को ताक पर रख दिया गया है. बताया जाता है कि ओटीएस सेंटर की बहाली में अहम भूमिका पूर्व डीपीएम ने निभायी थी जिनकी स्वास्थ्य विभाग में बहाली ही जांच के दायरे में है.

Next Article

Exit mobile version