डायग्नाेस्टिक्स सेंटर में तैयार कोराेना टेस्ट किट को मिली अनुमति

जमशेदपुर टाटा ट्रस्ट की इकाई इंडिया हेल्थ फंड द्वारा समर्थित मोलबायो डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने कोरोना जांच किट तैयार किया है. ट्रूनेट बीटा सीओवी टेस्ट किट भारत में बनायी गयी दूसरी ऐसी सुविधा है, जिसके उपयोग को आइसीएमआर द्वारा बहुत ही कम समय में प्रमाणित करते हुए अनुमति दी गयी है. इसकी जानकारी टाटा स्टील […]

By Prabhat Khabar | April 8, 2020 5:54 AM

जमशेदपुर टाटा ट्रस्ट की इकाई इंडिया हेल्थ फंड द्वारा समर्थित मोलबायो डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने कोरोना जांच किट तैयार किया है. ट्रूनेट बीटा सीओवी टेस्ट किट भारत में बनायी गयी दूसरी ऐसी सुविधा है, जिसके उपयोग को आइसीएमआर द्वारा बहुत ही कम समय में प्रमाणित करते हुए अनुमति दी गयी है. इसकी जानकारी टाटा स्टील द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गयी है. यह किट सेंटर फॉर हेल्थ रिसर्च एंड इनोवेशन (सीएचआरआइ) के जरिये हाल ही में कोविड-19 के जांच के लिए मरीजों द्वारा इस्तेमाल किये जाने योग्य टेस्टिंग किट ट्रूनैट बीटा सीओवी टेस्ट के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से अनुमति मिली है.

इस किट को कोविड-19 के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट के तौर पर इस्तेमाल किया जायेगा और टेस्ट के रिपोर्ट घंटे भर में मिल सकते हैं. इससे एक ही दिन में जांच रिपोर्ट मिल सकते हैं और जरूरत पड़ने पर मरीज को दूसरे लोगों से दूर रखने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. इससे जांच रिपोर्ट के इंतजार करने तक संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जायेगा. इस किट से जांच में 1350 रुपये या उससे कम खर्च आयेगा.मोलबायो डायग्नॉस्टिक्स के लिए समर्थन और ट्रूनैट बीटा सीओवी टेस्ट को तेजी से मंजूरी इंडिया हेल्थ फंड की संक्रामक रोगों के खिलाफ लड़ाई में सहायता के लिए महत्वपूर्ण इनोवेशन है.

मोलबायो डायग्नॉस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के चीफ टेक्निकल ऑफिसर डॉ चंद्रशेखर नायर ने बताया कि मोलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स की उपलब्धता को तेजी से बढ़ाना और उसके लिए आवश्यक वित्तीय सहायता होना आज सबसे ज्यादा जरूरी है. इससे कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारियों को नियंत्रण में रखने के लिए तैयार होने में मदद मिल सकती है.

इंडिया हेल्थ फंड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर माधव जोशी ने कहा है कि इंडिया हेल्थ फंड की पहल पर क्वेस्ट फॉर इनोवेशन 2020 सभी उद्यमियों, इनोवेटर्स और सायंटिस्ट्स के लिए अपनी कल्पनाओं और सोल्यूशंस को लेकर आगे आने और उनके टूल्स और तकनीकी के विकास और इस्तेमाल में तेजी लाने के लिए इंडिया हेल्थ फंड के साथ सहयोग करने का एक अवसर है.

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