एटीएम की क्लोनिंग करने वाले गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार

साइबर अपराधियों की ही सूचना पर छापेमारी एटीएम से रुपये उड़ाने वाले साइबर गिरोह में बिहार के जहानाबाद समेत घाटशिला व शहर के युवक शामिल गिरोह के पास हैं एटीएम में स्किमिंग मशीन लगाने वाले एक्सपर्ट, पुलिस को देखकर दो बोलेरो से भाग निकले टीम बनाकर काम करता है नौ सदस्यों वाला गिरोह, शहर में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 10, 2020 6:45 AM
  • साइबर अपराधियों की ही सूचना पर छापेमारी
  • एटीएम से रुपये उड़ाने वाले साइबर गिरोह में बिहार के जहानाबाद समेत घाटशिला व शहर के युवक शामिल
  • गिरोह के पास हैं एटीएम में स्किमिंग मशीन लगाने वाले एक्सपर्ट, पुलिस को देखकर दो बोलेरो से भाग निकले
  • टीम बनाकर काम करता है नौ सदस्यों वाला गिरोह, शहर में वाहन व सुविधा करायी जाती है उपलब्ध
  • मानगो व डिमना रोड के अधिकांश एटीएम से इसी गिरोह ने क्लोनिंग कर लाखों की निकासी की
जमशेदपुर : एटीएम की क्लोनिंग कर खाता से रुपये उड़ाने वाले गिरोह के रूपेश कुमार उर्फ रितेश कुमार को शनिवार देर रात साइबर पुलिस ने मानगो से गिरफ्तार किया है. रूपेश बिहार के नालंदा जिला स्थित इटौरा गांव का रहने वाला है. उसके पास से दर्जनों एटीएम कार्ड, आइडी कार्ड और पांच दर्जन से अधिक लोगों का पासपोर्ट साइज का फोटोग्राफ बरामद किया गया है. पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया है.
साइबर थाना प्रभारी उपेंद्र मंडल ने रविवार को मीडिया को बताया कि गिरोह के तीन से चार सदस्य एक साथ मिलकर एटीएम में स्किमिंग डिवाइस और कैमरा लगाते हैं. पुलिस का दावा है कि हाल के दिनों में मानगो और डिमना रोड के अधिकांश एटीएम से रुपये की अवैध निकासी को इसी गिरोह ने अंजाम दिया. उन्होंने बताया कि हाल के दिनाें में क्लाेनिंग कर रुपये निकासी के कई मामले प्रकाश में आ रहे थे.
शनिवार की रात साइबर गिरोह के ही एक सदस्य ने फोन कर बताया कि साइबर अपराध को अंजाम देने वाले गिरोह के कुछ लोग मानगो में रुके हुए है. सूचना और लोकेशन पर साइबर पुलिस ने टीम बनाकर छापेमारी की और रितेश को मानगो डिमना रोड से गिरफ्तार कर लिया गया. गिरोह के दो सदस्य बोलेरो से भागने में सफल रहे.
पूछताछ में रितेश ने पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. रितेश ने बताया कि वह जमशेदपुर घूमने आया है. कड़ाई से पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह बिहार से आकर एटीएम क्लोनिंग का काम करता है. रुपये की निकासी करने के बाद वह पुन: बिहार चला जाता है.
बार-बार भेष बदलकर काम करता है गिरोह का सरगना : साइबर क्राइम गिरोह का सरगना बहुरुपिया है जो बार-बार भेष बदलने का काम करता है. गिरोह में मुख्य रूप से नौ सदस्य हैं. गिरोह का सरगना कांता उर्फ गोपाल उर्फ राणा उर्फ मुन्ना है. घटना को अंजाम देने के पूर्व वह भेष बदल लेता है. सरगना का मुख्य साथी राहुल है, जो पटना का रहने वाला है. ग्रुप के सभी सदस्यों से फोन के माध्यम से राहुल ही बात करता है.
गिरोह के अन्य सदस्यों में बिहार के जहानाबाद निवासी नीतीश उर्फ नीलेश, घाटशिला निवासी प्रदीप मजूमदार, पन्ना कुमार सोनी उर्फ गोपाल, सिदगोड़ा बागुनहातु निवासी मंतोष पोद्दार, अविनाश और कौशिक शामिल है. पुलिस प्रदीप मजूमदार और पन्ना कुमार सोनी उर्फ गोपाल को तीन दिन पूर्व भी गिरफ्तार कर चुकी है.
बैंक कर्मियों से मिल कर खुलवाते हैं फर्जी अकाउंट: साइबर गिरोह के सदस्य अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं. प्रदीप मजूमदार व पन्ना कुमार सोनी का मुख्य काम जाली आधार कार्ड, पैन कार्ड बनाकर बैंक कर्मियों की मिलीभगत से विभिन्न बैंकों में अकाउंट खुलवाना है.
आदित्यपुर इंडियन बैंक की शाखा में इन लोगों ने कई बैंक अकाउंंट खुलवाया हैं. रितेश कुमार ने भी फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से साकची स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में अपना अकाउंट खुलवाया है. पुलिस इसकी जांच कर रह है.
गिरोह के सदस्य राहुल कुमार, मंतोष व कौशिक एटीएम का क्लोन कर लोगों को आधार कार्ड से लिंक करने, एटीएम की वैधता समाप्त होने व अन्य झांसा देकर जमशेदपुर, सरायकेला, बंगाल, ओड़िशा सहित कई क्षेत्रों में रुपये निकासी की घटना को अंजाम देते है.
बिना गार्ड वाले एटीएम को बनाते हैं निशाना, ऐसे करते है क्लाेनिंग
रितेश ने पुलिस को बताया कि तीन-चार की संख्या में गिरोह के लोग जमशेदपुर आते है. शहर में सभी को अलग-अलग कार्य देकर गाड़ियां उपलब्ध करायी जाती है. पहले लोग बिना गार्ड वाले एटीएम की पहचान करते हैं. इसके बाद किसी एटीएम में प्रवेश कर स्किमिंग मशीन लगायी जाती है.
मशीन लगाने के लिए गिरोह के पास एक एक्सपर्ट है. मशीन लगाकर पहली टीम चली जाती है. इसके बाद दूसरी टीम कुछ देर में एटीएम पहुंचती है और स्किमिंग मशीन और कैमरा लेकन निकल जाती है. दोनों यंत्र तीसरी टीम लेकर चौथी टीम को देती है जो कार्ड होल्डर की जानकारी जुटाकर रुपये निकालती है.
छापेमारी टीम
दीपक कुमार, महेंद्र महतो, विनिता हेम्ब्रम, एके रजक, दामोदर साहू, विजय कुमार, रवींद्र प्रसाद, राहुल राय, प्रभु राम, उमेश बैठा, सुजीत कुमार यादव.

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