एमजीएम में गर्भवती की एचआइवी रिपोर्ट आने पर डॉक्टरों ने इलाज से मना किया, घंटों तड़पती रही

जमशेदपुर : शुक्रवार की शाम पांच बजे गर्भवती महिला एमजीएम अस्पताल पहुंची. यहां उसे गायनिक वार्ड में भर्ती कराया गया. इलाज के साथ ही जांच शुरू हुई. जांच रिपोर्ट में पता चला कि महिला को एचआइवी है. यह जानकारी मिलते ही डॉक्टर गर्भवती से दूरी बनाने लगे. कोई भी डॉक्टर इलाज करने को तैयार नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2020 7:47 AM

जमशेदपुर : शुक्रवार की शाम पांच बजे गर्भवती महिला एमजीएम अस्पताल पहुंची. यहां उसे गायनिक वार्ड में भर्ती कराया गया. इलाज के साथ ही जांच शुरू हुई. जांच रिपोर्ट में पता चला कि महिला को एचआइवी है. यह जानकारी मिलते ही डॉक्टर गर्भवती से दूरी बनाने लगे. कोई भी डॉक्टर इलाज करने को तैयार नहीं थे.

साथ ही, वे परिजन पर महिला को दूसरे अस्पताल लेकर जाने का दबाव बनाने लगे. इस तरह शुक्रवार बीत गया. शनिवार रात 12 बजे गर्भवती को प्रसव पीड़ा शुरू हुई और वह दर्द से तड़पने लगी.
इसकी जानकारी परिजनों ने डॉक्टरों को दी, लेकिन कोई भी इलाज करने को तैयार नहीं हुआ, क्योंकि सभी को डर था कि गर्भवती का इलाज करने से वे भी एचआइवी से संक्रमित हो जायेंगे. इस दौरान गर्भवती दर्द से तड़पती रही और परिजन डॉक्टर से लेकर नर्स तक से उसे एक बार देखने की गुहार लगाते रहे. इस तरह से घंटों बीत गये, लेकिन कोई भी डॉक्टर इलाज करने को तैयार नहीं हुआ.
गर्भवती के घंटों तड़पने पर परिजन ने इसकी जानकारी अस्पताल के उपाधीक्षक नकुल चौधरी को दी. जानकारी मिलने पर उपाधीक्षक ने प्रसव केंद्र को फोन किया और इलाज करने को कहा. इसके बाद गर्भवती का इलाज शुरू हुआ और रविवार दोपहर को उसने ऑपरेशन के बाद स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.
उपाधीक्षक से शिकायत के बाद शुरू हुआ इलाज
शुक्रवार की शाम पांच बजे एमजीएम पहुंची गर्भवती, शनिवार रात 12 बजे से शुरू हुई प्रसव पीड़ा पर इलाज को तैयार नहीं थे डॉक्टर
डॉक्टर परिजनों को दूसरे अस्पताल में ले जाने का बनाते रहे दबाव
हमारे लिए सभी मरीज एक समान हैं, किसी से भेदभाव नहीं किया जा सकता. गर्भवती के परिजनों ने फोन किया, तो मैंने डॉक्टर से संपर्क किया. डॉक्टर ने बताया कि बच्चेदानी का मुंह अभी नहीं खुला है. समय पर उसका ऑपरेशन कर प्रसव कराया गया.
डॉ नकुल चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम अस्पताल

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