86 बस्ती आंदोलन का नेतृत्व करनेवाले कुंजल लकड़ा नहीं रहे, आज मानगो सुवर्णरेखा बर्निंग घाट पर होगा अंतिम संस्कार

जमशेदपुर : बिरसा सेवा दल-पंचायत समिति के अध्यक्ष सह 86 बस्ती आंदोलन के अग्रणी नेता कुंजल लकड़ा(75 )का बुधवार को बिरसानगर जोन नंबर-4 स्थित आवास पर निधन हो गया. वे अपने पीछे तीन पुत्र, एक पुत्री, पत्नी व पोता-पोतियों का भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं. उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को मानगो सुवर्णरेखा बर्निंग घाट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 21, 2019 9:35 AM
जमशेदपुर : बिरसा सेवा दल-पंचायत समिति के अध्यक्ष सह 86 बस्ती आंदोलन के अग्रणी नेता कुंजल लकड़ा(75 )का बुधवार को बिरसानगर जोन नंबर-4 स्थित आवास पर निधन हो गया. वे अपने पीछे तीन पुत्र, एक पुत्री, पत्नी व पोता-पोतियों का भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं. उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को मानगो सुवर्णरेखा बर्निंग घाट पर होगा. कुंजल लकड़ा टाटा मोटर्स में कार्यरत थे. कंपनी में काम करने के दौरान टेल्को वर्कर्स यूनियन में 1965 से 2002 तक कमेटी के सदस्य रहे. वर्ष 1974 से 2010 तक यूनिवर्सल पीस मिशन यूनाइटेड सत्संग, भारत इकाई के अध्यक्ष पद पर रहे.
1965 में बिरसा सेवा दल के सिंहभूम जिला सचिव पर रहे. वहीं 1973 से लेकर वर्तमान समय तक बिरसा सेवा दल-पंचायत समिति के बैनर तले 86 बस्ती समेत आदिवासियों के अन्य मुद्दों पर लगातार आंदोलन करते रहे. मालूम हो कि बिरसा सेवा दल नामक संगठन का गठन वर्ष 1964 में हुआ था. इसका केंद्रीय कार्यालय रांची में बना. संगठन के अध्यक्ष लालू उरांव, उपाध्यक्ष सघनु भरत, महासचिव ललित कुजूर व आनंद टोप्पो समेत अन्य ने तत्कालीन बिहार सरकार के औपनिवेशिक शोषण के खिलाफ बिरसा सेवा दल का आंदोलन पूरे छोटानागपुर में तेजी उठ खड़ा हुआ.
जमीन संरक्षण के लिए बिरसा सेवा दल के आंदोलन से प्रभावित होकर 1965 में एकीकृत सिंहभूम जिला इकाई का गठन किया. जिसमें दुर्गाबान सिंह को अध्यक्ष निर्वाचित किया गया. उन्हें सचिव का पदभार सौंपा गया. बिरसा सेवा दल की अगुवाई में पूरे सिंहभूम में व्यापक आंदोलन खड़ा किया गया. खासकर जमशेदपुर के हुरलुुंग, बारीगोड़ा, सोपोडेरा आदि क्षेत्र में लोग अांदोलित हुए. इस बिरसा सेवा दल का जनाधार अनेक इलाकों में खड़ा हो गया.

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