डॉ अजय कुमार : अपराध नियंत्रण के लिए जमशेदपुर भेजा गया आइपीएस ऐसे बन गया सफल राजनेता

रांची : कांग्रेस की झारखंड इकाई का नया अध्यक्ष डॉ अजय कुमार को बनाया गया है. अजय कुमार इससे पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता की भूमिका में थे. राजनीति में एक दशक भी नहीं पूरा करने वाले अजय कुमार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 17, 2017 11:42 AM

रांची : कांग्रेस की झारखंड इकाई का नया अध्यक्ष डॉ अजय कुमार को बनाया गया है. अजय कुमार इससे पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता की भूमिका में थे. राजनीति में एक दशक भी नहीं पूरा करने वाले अजय कुमार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है, जहां उन्हें पार्टी को राज्य में सक्रिय क्षेत्रीय दलों के सहयोगी दल की भूमिका से विपक्ष की राजनीति के केंद्र में लाने केलिए जूझना होगा.

अजय कुमार ने यूं तो अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा से शुरू की थी और इसके टिकट पर जमशेदपुर से 2011 में सांसद चुने गये थे. बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गये. कांग्रेस में सक्रिय रहते हुए उन्होंने भाजपा में जाने की अटकलों पर अपने अंदाज में यह बयान देकर विराम लगाया था कि उसका डीएनए मेरे डीएनए से मिलता नहीं है, इसलिए ऐसा कभी हो नहीं सकता.

अजय कुमार 2010 से 2014 तक झाविमो में और फिर 2014 से कांग्रेस में सक्रिय हैं. 55 वर्षीय अजय कुमार का जन्म कर्नाटक के मंगलोर मेंअजयकुमार भंडारीकेरूप में हुआ था और उन्होंने हैदराबाद से स्कूलिंग की और पुड्डूचेरी के जवाहर लाल इंस्टीट्यूट से 1985 में मेडिकल की पढाई पूरी की. अगले ही साल 1986 में वे आइपीएस के लिए चुने गये. अजय कुमार केएस भंडारी एवं श्रीमती वत्सला के पुत्र हैं.

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एक आइपीएस के रूप में अजय कुमार ने शानदार कामकाज किया. एकीकृत बिहार के दो प्रमुख शहरों पटना एवं जमशेदपुर में प्रमुख रूप से वे तैनात रहे और अपराध को जबरदस्त ढंग से काबू में किया. जमशेदपुर में जब अपराध काफी बढ़ गया था तब टाटा स्टील के एमडी जेजे ईरानी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से इसे नियंत्रित करने के लिए एक प्रभावशाली अधिकारी की तैनाती का आग्रह किया. लालू ने उनके आग्रह पर पटना के सिटी एसपी अजय कुमार को जमशेदपुर का एसपी बनाकर भेजा और कम ही समय में उन्होंने वहां अपराध को नियंत्रित कर लिया.

एसपी के रूप में अजय कुमार के शानदार कामकाज का असर था कि 2011 के जमशेदपुर उपचुनाव में वे डेढ़ लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीत गये. जमशेदपुर उनके जीवन में खास जगह रखता है. हालांकि 2014 के आमचुनाव में मोदी लहर में वे कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जमशेदपुर से हार गये, लेकिन पार्टी हाईकमान को उनकी संभावनाओं का अहसास था. वे पार्टी के लिए शानदार व तार्किक ढंग से अपनी बात रखने वाले चेहरे के रूप में उभरे और सोनिया-राहुल का उन पर विश्वास बढ़ता गया. अब अजय कुमार को एक डॉक्टर के रूप में पार्टी संगठन की सर्जरी करनी होगी और आइपीएस के रूप में विरोधी दलों के खिलाफ आक्रामक तेवर अख्तियार करना होगा.

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