OMG! 8 महीने के बच्चे का सिर इतना बड़ा!

धालभूमगढ़ : पूर्वी सिंहभूमके धालभूमगढ़ प्रखंड की आमदा पंचायत में एक आठ महीने के बच्चे का सिर उसके शरीर के बराबर है. उसका सिर दिन-ब-दिन बड़ा ही होता जा रहा है. दरअसल, घोषदा निवासी रमेश मुंडा का पुत्र गुरुचरण मुंडा (8 माह) एक दुर्लभ बीमारी हाइड्रोसेफेलस से जूझ रहा है. बीमारी ने इतना गंभीर रूप […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 13, 2017 9:08 AM

धालभूमगढ़ : पूर्वी सिंहभूमके धालभूमगढ़ प्रखंड की आमदा पंचायत में एक आठ महीने के बच्चे का सिर उसके शरीर के बराबर है. उसका सिर दिन-ब-दिन बड़ा ही होता जा रहा है. दरअसल, घोषदा निवासी रमेश मुंडा का पुत्र गुरुचरण मुंडा (8 माह) एक दुर्लभ बीमारी हाइड्रोसेफेलस से जूझ रहा है. बीमारी ने इतना गंभीर रूप ले लिया है कि उसके सिर का आकार शरीर के बाकी हिस्सों के लगभग बराबर हो गया है और वह बढ़ता ही जा रहा है.

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गुरुचरण की मां कल्पना मुंडा एवं नानी पार्वती मुंडा ने बताया कि मिदनापुर (बंगाल) के घाटाल में जन्म के समय गुरुचरण सामान्य बच्चों जैसा ही था. लेकिन,बाद में धीरे-धीरे उसका सिर बढ़ने लगा. उसे घाटाल अस्पताल ले गये. जांच के बाद डॉक्टरों ने पीजी अस्पताल कोलकाता रेफर कर दिया.

अपनी सास के साथ वह कोलकाता गयी. पीजी अस्पताल पहुंची, लेकिन इलाज पर होने वाला खर्च वहन करने में वह सक्षम नहीं थी. सो वहां बच्चे को भर्ती नहीं करवा सकी. हालांकि,उसका कहना है कि हैसियत के अनुसार वह अपने बच्चे का हरसंभव इलाज करारहीहै. अभी होमियोपैथिक इलाज चल रहा है.

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कल्पना मुंडा ने बताया कि रोजगार के लिए वे लोग साल में ज्यादातर समय घाटाल में ही रहती हैं. रमेश अभी भी घाटाल में ही है. कल्पना अपने बच्चेकेसाथ सास के पास घोषदा में रहती है. बच्चे के सिर के लगातार बढ़ने की वजह से पूरा परिवार परेशान है. हालांकि, बच्चे की बाकी गतिविधियां जैसे दूध या पानी पीना, रोना और शौच सामान्य हैं.

धालभूमगढ़ के सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ असगर ने बताया कि हाइड्रोसेफेलस एक गंभीर बीमारी है. बच्चे को अगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाता है, तो उसे बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रेफर किया जा सकता है.

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