हत्या के मामले में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा
वर्ष 2019 के रामनवमी जुलूस के दौरान आपसी विवाद में कोर्रा चौक निवासी बिक्की नाथ (पिता रौशन उरांव) की चाकू से गोदकर हत्या के एक सनसनी खेज मामले में तीन अभियुक्तों को दोषी पाकर सजा सुनायी गयी.
रामनवमी जुलूस के दौरान की गयी थी बिक्की नाथ की हत्या हजारीबाग. वर्ष 2019 के रामनवमी जुलूस के दौरान आपसी विवाद में कोर्रा चौक निवासी बिक्की नाथ (पिता रौशन उरांव) की चाकू से गोदकर हत्या के एक सनसनी खेज मामले में तीन अभियुक्तों को दोषी पाकर सजा सुनायी गयी. यह निर्णय सोमवार को हजारीबाग सिविल कोर्ट के प्रधान जिला सत्र न्यायधीश रंजीत कुमार के न्यायालय से सुनायी गयी है. सजा पानेवालों में पंकज गुप्ता (पिता पुरुषोतम गुप्ता), अनूप गुप्ता (पिता गौतम गुप्ता) और अमर सिंह सभी कोर्रा हजारीबाग शामिल है. निर्णय के मुताबिक तीनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास के 20 हजार जुर्माना की सजा सुनायी गयी है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर अभियुक्तों को तीन माह अतिरिक्त सजा भुगतने का प्रावधान रखा गया है. क्या है मामला बिक्की नाथ की मौत के बाद उसके पिता रौशन उरांव के बयान पर सदर कोर्रा थाना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. हत्या की यह घटना 15 अप्रैल 2019 की अहले सुबह चार बजे घटी थी. रौशन उरांव ने प्राथमिकी में कहा है कि 15 अप्रैल 2019 को रामनवमी की झांकी निकली हुई थी. बिक्की देवांगना की झांकी के साथ नाचता हुआ आगे निकल गया था. अपनी झांकी में वापस आने के क्रम में कोर्रा चौक स्थित बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच के पास पंकज गुप्ता, अनूप गुप्ता और अमर सिंह ने बिक्की को पकड़ कर उस पर चाकू से जोरदार हमला कर दिया. चेहरा, पेट और सीने में चाकू से गोद दिया, जिससे घटना स्थल पर काफी खून बह गया. आनन-फानन में उसे सदर अस्पताल ले जाया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. सुनवाई के दौरान अदालत ने अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश कुमार लाल ने कांड के अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी, चिकित्सक समेत 12 गवाहों का परीक्षण कराया. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता जवाहर प्रसाद एवं मिथलेश कुमार सिन्हा ने बहस में हिस्सा लिया.
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