शिक्षा, स्वास्थ्य व अधिवक्ता कल्याण को ध्यान में रख बजट बनायें

हजारीबाग बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं को राज्य सरकार के आम बजट से कई अपेक्षाएं हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | February 22, 2025 7:45 PM

परवेज आलम

हजारीबाग. हजारीबाग बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं को राज्य सरकार के आम बजट से कई अपेक्षाएं हैं. वे इस बजट की बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने मध्यम वर्ग को ध्यान में रख कर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं अधिवक्ता कल्याण को बजट में शामिल करने की उम्मीद के साथ अन्य मुद्दों पर खुल कर प्रभात खबर के साथ अपने विचार रखे.

बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अधिवक्ता हीरालाल ने कहा कि झारखंड सरकार बजट में अधिवक्ताओं के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करे. अधिवक्ता कल्याण कोष में राशि देने, इलाज का खर्च, आवास के लिए जमीन रियायती दर पर एवं अधिवक्ताओं के बच्चों की पढ़ाई के लिए ऋण में सब्सिडी, सभी विश्वविद्यालयों में कानून की पढ़ाई कम फीस में उपलब्ध कराने समेत कई मांगें रखी.

अधिवक्ता फणी कुमार यादव ने कहा कि झारखंड का बजट मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए बनाया जाये. युवाओं के लिए बेहतर शिक्षा व रोजगार की व्यवस्था, किसानों के लिए सस्ते दर पर उतम बीज और पटवन के लिए पानी तथा सरकारी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई व बढ़िया उपस्कर एवं सही समय पर स्कॉलरशिप का भुगतान की मांग बजट में की है.

अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि झारखंड सरकार का बजट शिक्षा पर आधारित हो. कक्षा एक से लेकर छह तक के बच्चों की पढ़ाई के लिए विशेष व्यवस्था करायी जाये. स्कूलों में खेलकूद के लिए क्रीड़ा स्थल एवं बेहतर स्वास्थ्य के लिए व्यवस्था की जाये.

अधिवक्ता वेद प्रकाश ने कहा कि बजट में सेवानिवृत्त अधिवक्ता के लिए पेंशन की व्यवस्था की जाये. तीर्थस्थलों के भ्रमण के लिए बस एवं रेल किराया नि:शुल्क हो. बेरोजगारों को व्यवसाय के लिए कम ब्याज पर ऋण की व्यवस्था, ऋण जमा करने की अवधि दस वर्ष सुनिश्चित हो.

अधिवक्ता आरिफ कमाल ने कहा कि हजारीबाग बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं को झारखंड सरकार के आम बजट से कई अपेक्षाएं हैं. अधिवक्ता के इलाज के साथ-साथ उनके परिवार वालों के लिए अस्पताल पंजीकृत किया जाये, जहां उन्हें मुफ्त चिकित्सा मिल सके. बजट शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार बढ़ाने वाला हो.

अधिवक्ता राज प्रकाश ने कहा कि झारखंड सरकार अपने बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर बेहतर प्रावधान करे. सरकारी स्कूल की स्थिति में सुधार एवं प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि बजट में अधिवक्ता कल्याण के लिए कोई व्यवस्था नहीं देखने को मिलती है. इस वर्ष के बजट में झारखंड सरकार इस पर अवश्य ध्यान देगी.

अधिवक्ता काली दास पांडेय ने कहा कि झारखंड सरकार का बजट संतुलित होना चाहिए. बजट में मध्यम वर्ग एवं समाज के दबे कुचले समुदाय की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए बनाया जाये. शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार बजट का मुख्य विषय हो. अधिवक्ताओं का कल्याण भी बजट में शामिल हो.

अधिवक्ता संतोष कुमार ठाकुर ने कहा कि झारखंड का बजट समाज के निचले वर्ग की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाना चाहिए. वर्तमान में प्रदेश का आम आदमी बढ़ती मंहगाई से परेशान है. इस परेशानी को राज्य सरकार ध्यान में रख कर बजट लाये.

अधिवक्ता रंजन कुमार सिन्हा ने कहा कि बजट से आमलोगों की उम्मीदें जुड़ी होती है. बजट आमजनों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला हो. जन कल्याण की योजनाएं चलायी जाये. बजट राजनीति से प्रेरित न हो. बजट में अधिवक्ताओं के कल्याण को भी ध्यान रखा जाये.

पूर्व लोक अभियोजक अधिवक्ता स्वरूप चंद्र जैन ने कहा कि झारखंड सरकार का बजट आमलोगों के हितों को ध्यान में रख बनाया जाये. गरीब एवं मध्यम वर्ग के लिए विशेष योजनाएं शुरू की जाये. बढ़ती महंगाई को कम करने, युवाओं को रोजगार के अवसर देने वाला बजट हो.

अधिवक्ता अरविंद कुमार झा ने कहा कि इस बार के बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और युवाओं के रोजगार के लिए अवसर शामिल हों. सरकारी स्कूलों को सुदृढ़ और प्राइवेट स्कूलों की फीस पर ध्यान रख कर बजट बनाया जाये.

बजट पर अपना विचार रखने वाले अन्य अधिवक्ताओं में भैया सुमित सिन्हा, शिशिर कुमार, कुमारी मणि राणा, कुणाल कुमार, राज सोनी, श्वेता राणा, अजय मिश्रा, राकेश सिन्हा, आदिति गुप्ता, सुमपुल, रिंकी कुमारी शामिल हैं.

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