सर्वधर्म समभाव पर परिचर्चा और दावत-ए-इफ्तार
नव भारत जागृति केंद्र संयोजन कार्यालय में रविवार को सर्वधर्म समभाव परिचर्चा और इफ्तार की दावत का आयोजन हुआ
23हैज104में- परिचर्चा में उपस्थित लोग हजारीबाग. नव भारत जागृति केंद्र संयोजन कार्यालय में रविवार को सर्वधर्म समभाव परिचर्चा और इफ्तार की दावत का आयोजन हुआ. इसमें लगभग 300 महिला, पुरुष और बच्चे शामिल हुए. परिचर्चा के दौरान एनबीजेके अध्यक्ष गिरिजा सतीश ने कहा कि सभी धर्मों के प्रति सम्मान और प्रेम केवल एक आदर्श नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता की आत्मा है. उन्होंने कहा कि धर्म हमें शांति और भाईचारे की शिक्षा देते हैं. जेपी आंदोलनकारी गौतम सागर राणा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाने के लिए हमें प्रेम से रहना होगा. सचिव सतीश गिरिजा ने कहा कि किसी खास जाति या धर्म के परिवार में जन्म लेना हमारे वश में नहीं है, लेकिन हम प्रेमपूर्वक शांति से रह सकते हैं. शमशेर आलम ने इस्लाम की शिक्षाओं को संपूर्ण मानव जाति के लिए बताया. अधिवक्ता मो मुअज्जम ने कहा कि सभी मजहबों में शांति, स्त्री-पुरुष समानता और सत्य पर जोर दिया गया है. लोक समिति के अवधेश पांडेय ने गांधी, विनोबा, लोहिया और जेपी की विचारधाराओं में सांप्रदायिक सौहार्द्र को एक प्रमुख तत्व बताया. विजय वर्मा ने मानवता की रक्षा को सभी धर्मों का उद्देश्य माना. परिचर्चा में अर्जुन यादव, गौसिया परवीन, शाहिद जमाल, स्वरूप चंद जैन ने भी अपने विचारों को रखा. मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन शंकर राणा ने दिया.
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