ग्रामीण महिलाओं के विरोध के सामने मौन हुआ वन विभाग, छापेमारी करने गये वनकर्मी उल्टे पांव लौटे

अजय ठाकुर, चौपारण... प्रखंड के ग्राम पंचायत भगहर के घरसरी गांव में छापामारी करने गयी वन विभाग के पदाधिकारियों को ग्रामीण महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा. वनकर्मियों को देखते ही पूरे गांव की महिलाएं गोलबंद हो गयी. महिलाओं के बढ़ते आक्रोश को देख वनकर्मी उल्टे पांव लौट गये. क्या है मामला : वन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2019 10:42 PM

अजय ठाकुर, चौपारण

प्रखंड के ग्राम पंचायत भगहर के घरसरी गांव में छापामारी करने गयी वन विभाग के पदाधिकारियों को ग्रामीण महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ा. वनकर्मियों को देखते ही पूरे गांव की महिलाएं गोलबंद हो गयी. महिलाओं के बढ़ते आक्रोश को देख वनकर्मी उल्टे पांव लौट गये.

क्या है मामला : वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी कुड़ो बाड़ा ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी. घरसरी गांव में भारी मात्रा में विभिन्न प्रजाति के लकड़ी का बोटा को तस्करी के लिए डंप किया गया है. जिसे बरामद करने के लिए वन विभाग पूरी टीम के साथ गयी थी. ग्रामीणों द्वारा डंपिंग किये गये बोटा को अधिकारियों के आदेश पर ट्रेक्टर पर लोड किया जा रहा था.

इसी बीच गांव की दर्जनों महिलाएं हुजूम बनाकर डंपिंग स्थल पर आकर वनकर्मियों के साथ गाली गलौज करने लगी. महिलाएं एक ही बात कह रही थी. गांव में कुछ रोजगार नहीं है. जंगल की लकड़ी काट के नही बेचेंगे तो क्या खायेंगे. महिलाएं इतनी आक्रोशित हो चुकी थी कि उनके सामने छापेमारी करने गये वनकर्मियों को घुटने टेकने पड़े.

जब वन विभाग ने ट्रेक्टर पर लदा बोटा को गाड़ी से उतारा, तब कहीं महिलाओं का गुस्‍सा शांत हुआ. उसके बाद वनकर्मी घरसरी से निकल सके.

खान है घरसरी गांव : प्रखंड मुख्यालय से 25 किमी की दूरी पर उग्रवादियों के गढ़ में घरसरी गांव है. एक जमाने में इस गांव में उग्रवादियों के इशारे के बिना परिंदे भी पर नहीं मार पाता था. चारो तरफ से जंगल एवं पहाड़ों के बीच बसा है घरसरी गांव. छापामारी दल में फोरेस्टर श्याम सुंदर सिंह, वनरक्षी पंकज कुमार, पवन कुमार, संटू कुमार, सुरेन्द्र कुमार दास सहित सभी वनकर्मी शामिल थे.