एनजीटी की टीम ने हजारीबाग के बरकट्ठा व इचाक में जंगल व क्रशर का निरीक्षण किया

बरकट्ठा (हजारीबाग) : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी की प्रधान बेंच की टीम ने बुधवार को बरकट्ठा एवं इचाक प्रखंड के वन क्षेत्रों का निरीक्षण किया. अधिकारियों ने बरकट्ठा के ग्राम चेचकप्पी कारीचट्टान, पंचरुखी तिलैया, खैरियो, सोंढा तथा इचाक के सिजुआ गांव में संचालित अवैध पथ्थर खदानों का स्थल जाकर निरीक्षण किया. इसके पश्चात अधिकारियों ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 7, 2018 8:40 PM

बरकट्ठा (हजारीबाग) : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी की प्रधान बेंच की टीम ने बुधवार को बरकट्ठा एवं इचाक प्रखंड के वन क्षेत्रों का निरीक्षण किया. अधिकारियों ने बरकट्ठा के ग्राम चेचकप्पी कारीचट्टान, पंचरुखी तिलैया, खैरियो, सोंढा तथा इचाक के सिजुआ गांव में संचालित अवैध पथ्थर खदानों का स्थल जाकर निरीक्षण किया. इसके पश्चात अधिकारियों ने बरकट्ठा के कोषमा कुमरडीहा, धरहरा समेत अन्य स्थानों पर संचालित क्रशर मंडी का स्थल जाकर जांच पड़ताल की. एनजीटी की टीम में बोर्ड एनलाइसिस राघवेंद्र नारायण कश्यप, डॉ रीता साहा के साथ जिला खनन पदाधिकारी नितेश गुप्ता, बरही रेंजर जितेश्वर सिंह समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे. अधिकारियों ने जांच में सभी खदानों और क्रशरों को बंद पाया. एनजीटी के टीम कि आने खबर पहले ही संचालकों को मिल जाने से काम को पहले ही बंद कर दिया गया था. खदान और क्रशर में एक भी व्यक्ति को मौजूद नहीं पाया गया. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि सभी स्थानों पर चलाई जा रही माइंस का इलाका फोरेस्ट क्षेत्र की भूमि पर अवैध रूप से है.

वहींए माइंस एवं क्रशर में कार्य करने वाले मजदूरों की सुरक्षा मानक की जानकारी प्राप्त की गयी. जांच में एनजीटी कि टीम ने पाया की दो-तीन क्रशर को छोड़ कर सभी अवैध ढंग से चलायी जा रही है. वहीं माइंस (खदान) भी गैर कानूनी तरीके से संचालितकी जा रहा है. खनन पदाधिकारी ने एनजीटी के अधिकारियों को बताया कि लगभग दो वर्षों से सभी अवैध खदान को बंद कर दिया गया है. जानकारी होकि हजारीबाग जिले में अवैध माइनिंग व क्रशर से वन्य जीवों के दुष्प्रभाव व प्रदूषण की शिकायत मिलने पर एनजीटी कि टीम का गठन कर मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है.

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