साक्षरता का अर्थ केवल पढ़ना-लिखना नहीं, जीवन कौशल की भी समझ जरूरी : मनोज

उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत गुमला में बीइइओ, बीपीओ, बीआरपी, सीआरपी समेत शिक्षा से जुड़े अधिकारियों व शिक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण

By Prabhat Khabar News Desk | July 28, 2025 10:59 PM

गुमला. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड के तत्वावधान में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम अंतर्गत सोमवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गुमला में समीक्षा सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण में विभिन्न प्रखंडों के बीइइओ, बीपीओ, बीआरपी, सीआरपी, कंप्यूटर ऑपरेटर, डायट प्राचार्य व रिसोर्स ग्रुप के शिक्षकों ने भाग लिया. सभी प्रतिभागियों को वेब पोर्टल व डिजिटल एप्लिकेशन के उपयोग की जानकारी दी गयी. साथ ही विद्यालयों द्वारा सर्वेयर के माध्यम से असाक्षरों व स्वयंसेवकों के चयन एवं टैगिंग कर साक्षरता कक्षाओं के संचालन की विस्तृत समीक्षा व नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रमुख घटनों पर चर्चा की गयी. प्रशिक्षण में राज्य नोडल पदाधिकारी मनोज कुमार निराला ने कहा कि साक्षरता केवल अक्षर ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन कौशल, डिजिटल शिक्षा, वित्तीय साक्षरता व नागरिक शास्त्र की समझ भी प्रदान करती है. उन्होंने प्रतिभागियों से इस अभियान को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया. जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खां ने बताया कि उपायुक्त के नेतृत्व में जिले में साक्षरता के लिए व्यापक कदम उठाते हुए सभी प्रखंडों द्वारा कुल 7701 असाक्षरों की पहचान की गयी है. उन सभी असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए 917 स्वयंसेवक बनाये गये हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण जिले में साक्षरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. प्रखंड स्तर की टीम इस प्रशिक्षण के बाद और बेहतर कार्य के निष्पादन में सक्षम होगी. प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद सभी प्रखंडों से चयनित प्रशिक्षक अपने प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण का आयोजन करते हुए साक्षरता संबंधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे.

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