जंगल के पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधा, जंगल को बचाने का संकल्प
न रक्षा बंधन से ग्रामीणों में पौधों के प्रति अपनत्व की भावना आती है.
वन रक्षा बंधन से ग्रामीणों में पौधों के प्रति अपनत्व की भावना आती है : अनिरूद्ध चौबे 21 गुम 16 में पेड़ की पूजा करते पुजार साथ में अनिरूद्ध चौबे 21 गुम 17 में पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधते ग्रामीण प्रतिनिधि, चैनपुर वन रक्षा बंधन से ग्रामीणों में पौधों के प्रति अपनत्व की भावना आती है. यह बातें बिरसा हरित चेतना अभियान वन प्रमंडल गुमला के समन्वयक अनिरुद्ध चौबे ने कहीं. वे पकनी पाठ चैनपुर में वन रक्षा बंधन के अवसर पर ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे. कुरुमगढ़ रेंज के 30 व रायडीह बीट के 25 गांवों में यह कार्यक्रम चल रहा है. वन रक्षा बंधन में ग्रामीण माताएं कासा की थाली व लोटे से भरे जल लेकर जंगल पहुंचती हैं. तत्पश्चात पाहन व पुजार आदिवासी रीति रिवाज से पेड़ों की पूजा कराते है. प्रसाद बांटा जाता है. पेड़ों को राखी बांधी जाती है. माताएं आदिवासी भाषा में मंगल गान करती है. पूरे गांव में उत्सव का माहौल रहता है. श्री चौबे ने कहा कि वन प्रमंडल पदाधिकारी अहमद बेलाल अनवर के निर्देश पर जिले के 55 गांवों में वन व वन जीव संरक्षण, जंगल के सांस्कृतिक महत्व, जैव विविधता मित्र गांव, साप्ताहिक बैठक, ग्राम वन प्रबंधन एवं संरक्षण समिति का गठन, जंगल व विकास के नये मार्ग इत्यादि पर कार्य हो रहा है. मौके पर सुभाष महतो, छोटू उरांव, गोवर्द्धन गोप, राजू मुंडा, विष्णु यादव, मीना देवी, पुष्पा देवी, सनियारो देवी सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.
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