झारखंड में यहां हुआ था पवनपुत्र हनुमान का जन्म, आज भी इस जगह पर बसे हैं उनके वंशज!

Anjan Dham : गुमला जिले से करीब 21 किलोमीटर दूर आंजन धाम है. मान्यता है कि इसी स्थान पर माता अंजनी के गर्भ से परमभक्त भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. यहां मंदिर में माता अंजनी की गोद में भगवान हनुमान बैठे हुए हैं. खास बात है कि इस क्षेत्र के लोग आज भी खुद को हनुमान का वंशज मानते हैं.

By Dipali Kumari | May 19, 2025 12:19 PM

Anjan Dham : झारखंड में धार्मिक मान्यताओं से जुड़े कई पवित्र धाम है, जहां रोजाना भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. गुमला जिले में एक ऐसा अनोखा धाम है, जिसके बारे में आज भी अधिकतर लोग नहीं जानते. गुमला जिले से करीब 21 किलोमीटर दूर आंजन धाम है. मान्यता है कि इसी स्थान पर माता अंजनी के गर्भ से परमभक्त भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. यहां मंदिर में माता अंजनी की गोद में भगवान हनुमान बैठे हुए हैं. देशभर में यह एक मात्र मंदिर है जहां इस तरह की प्रतिमा स्थापित है. खास बात है कि इस क्षेत्र के लोग आज भी खुद को हनुमान का वंशज मानते हैं.

मंदिर परिसर में स्थापित है 360 शिवलिंग

आंजन गांव स्थित मंदिर में अंजनी माता, भगवान हनुमान, राधा कृष्ण, राम लक्ष्मण व सीता समेत भगवान शिव की भी प्रतिमा स्थापित है. मंदिर परिसर में 360 शिवलिंग और उतने ही तालाब हैं. आंजन पहाड़ी पर स्थित चक्रधारी मंदिर में 8 शिवलिंग दो पंक्तियों में स्थापित हैं. मंदिर के नीचे सर्प गुफा है. पहले गुफा में मिट्टी का एक टीला था, गुफा पूरी तरह बंद था और वहीं सांप को देखा जाता था, लेकिन दो साल पहले गुफा के रास्ता को खोल दिया गया है. 15 सौ फीट से अधिक लंबी गुफा के अंदर रास्ता है.

हसीन वादियां लोगों को करती है मोहित

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आंजन धाम के आसपास कई प्राचीन धरोहर भी हैं. यहां की हसीन वादियां भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. आस्था का केंद्र होने के साथ ही अपनी हसीन वादियों के कारण यह पर्यटन का भी केंद्र बन गया है. पर्यटकों को आंजन धाम काफी पसंद आता है. राजधानी रांची से यहां की दूरी लगभग 120 किमी है. मंदिर तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क बनी हुई है. पहाड़ पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए तीन रास्ते हैं. एक रास्ता बीच से है, जो पक्की सीढ़ी की बनी हुई है. वहीं बायीं और दाहिनी ओर से ऊपर मंदिर जाने के लिए एक-एक रास्ता है. इसके अलावा आसपास ठहरने के लिए होटल की उत्तम व्यवस्था भी है.

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