दो महीने बाद बेड़ियों से मुक्त हुई गुमला की लक्ष्मी, जानें क्यों बंधी थी बेड़ियां

Jharkhand News, Gumla News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : प्रभात खबर की पहल और मिशन बदलाव गुमला के ट्वीट के बाद दो महीने बाद लोहे की बेड़ियों में बंधी लक्ष्मी कुमारी को मुक्त कराया गया. बताया जा रहा है कि लक्ष्मी मानसिक रोगी है. दो महीने से वह अजीब हरकत कर रही है. उसका झाड़- फूंक भी कराया गया. ओझा- गुणी से भी दिखाया गया. इसके बाद भी उसकी बीमारी ठीक नहीं हुई. वह घर से भाग न जाये. इसलिए उसके परिजनों ने लक्ष्मी के पैरों में लोहे की बेड़ी बांध दिया था. वह बेड़ी के सहारे ही रहती थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2021 8:16 PM

Jharkhand News, Gumla News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : प्रभात खबर की पहल और मिशन बदलाव गुमला के ट्वीट के बाद दो महीने बाद लोहे की बेड़ियों में बंधी लक्ष्मी कुमारी को मुक्त कराया गया. थाना प्रभारी कुंदन कुमार को जैसे ही पता चला कि लक्ष्मी को उसकी सौतेली मां लोहे की बेड़ियों से बांधकर रखी है, तुरंत थाना प्रभारी और एसआई कौशलेंद्र कुमार घाघरा प्रखंड के नवडीहा गांव पहुंचे. लक्ष्मी को बेड़ियों से बंधा पाया. थाना प्रभारी ने लक्ष्मी के पैर में बंधी लोहे की बेड़ियों को काटकर हटवाया. साथ ही उसे पुलिस के संरक्षण में ले लिया. थाना प्रभारी श्री कुमार ने कहा कि लक्ष्मी नाबालिग है. उसे CWC के संरक्षण में सौंप दिया गया है.

बताया जा रहा है कि लक्ष्मी मानसिक रोगी है. दो महीने से वह अजीब हरकत कर रही है. उसका झाड़- फूंक भी कराया गया. ओझा- गुणी से भी दिखाया गया. इसके बाद भी उसकी बीमारी ठीक नहीं हुई. वह घर से भाग न जाये. इसलिए उसके परिजनों ने लक्ष्मी के पैरों में लोहे की बेड़ी बांध दिया था. वह बेड़ी के सहारे ही रहती थी.

लक्ष्मी मिली बेड़ियों से बंधी

रविवार को मिशन बदलाव के सुरेश यादव ने गम्हरिया गांव में लक्ष्मी को बेड़ियों से बंधा पाया. जिसके बाद लक्ष्मी को सुरेश अपने घर ले आया. इसके बाद मिशन बदलाव ने सीएम, डीसी व एसपी को ट्वीट कर लक्ष्मी को बेड़ियों से मुक्त कराने की मांग की. प्रभात खबर प्रतिनिधि इस मामले को लेकर गांव पहुंचे. परिजनों से बात की. लक्ष्मी को बेड़ियों से बांधकर रखने के कारणों के संबंध में ग्रामीण और परिजनों से पूछताछ की. इसके तुरंत बाद थाना प्रभारी कुंदन कुमार पहुंचे और लक्ष्मी को बेड़ियों से मुक्त कराया.

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घर की स्थिति ठीक नहीं है

लक्ष्मी के पिता का नाम मनोज उरांव है. लक्ष्मी की मां का निधन हो गया है. उसकी सौतेली मां विमला देवी है, लेकिन रविवार को वह घर पर नहीं थी. पिता किसी प्रकार खेतीबारी कर जीविका चलाता है. दादी सहमानिया देवी ने कहा कि उसकी पोती लक्ष्मी पहले ठीक थी, लेकिन दो महीने से वह अजीब हरकत करने लगी.

डेढ़ हजार रुपये में गाड़ी बुक कर लक्ष्मी को सिसई ले गये. जहां एक भगताईन से उसकी जांच कराया. जांच के एवज में भगताईन नारियल, चावल व कुछ सामग्री ली. भगताईन ने कहा था कि लक्ष्मी ठीक हो जायेगी, लेकिन ठीक नहीं हुई, तो परिजनों ने लोहे की बेड़ी से बांध दिया. परिवार की स्थिति ठीक नहीं है. कच्ची मिट्टी के घर में रहते है.

Posted By : Samir Ranjan.

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