शंख नदी में बना पुल हुआ टेढ़ा, खतरनाक घोषित पुल से किया जा रहा आवागमन, सात हजार आबादी प्रभावित

चार साल पहले पहली ही बारिश में पुल का एक पिलर नदी में धंस गया था. उसके बाद प्रशासन द्वारा पुल को डेजर जोन घोषित कर पुल पर बोर्ड भी लगवा दिया था. वहीं चार सालों से केमटे पंचायत की जनता लगातार पुल की मरम्मत की मांग करती रही. पर प्रशासन के कानों मे जूं तक नहीं रेंगा. जिससे जनता में आक्रोश है. इस पुल से होकर केमटे, आम्बाटोली, लुंगा, कोरकोटोली, सारंगसोर, खुरसुता, करंजटोली गांव के लोग सफर करते हैं.

By Prabhat Khabar | June 24, 2021 12:45 PM

रायडीह : रायडीह प्रखंड के मरियमटोली शंख नदी में बना पुल चार साल पहले टेढ़ा हो गया. पुल का बीच का पिलर नदी में धंस गया है. जिसकी मरम्मत अबतक नहीं हुई है. मजबूरी में लोग जान हथेली पर रखकर पुल से आना जाना करते हैं. टेंपो व अन्य छोटी गाड़ी संभल कर पुल के ऊपर से गुजरती है. इस पुल के कारण केमेटे पंचायत की सात हजार आबादी प्रभावित है. यहां बता दें कि मरिमयटोली शंख नदी में हाई लेबल पुल बना था.

चार साल पहले पहली ही बारिश में पुल का एक पिलर नदी में धंस गया था. उसके बाद प्रशासन द्वारा पुल को डेजर जोन घोषित कर पुल पर बोर्ड भी लगवा दिया था. वहीं चार सालों से केमटे पंचायत की जनता लगातार पुल की मरम्मत की मांग करती रही. पर प्रशासन के कानों मे जूं तक नहीं रेंगा. जिससे जनता में आक्रोश है. इस पुल से होकर केमटे, आम्बाटोली, लुंगा, कोरकोटोली, सारंगसोर, खुरसुता, करंजटोली गांव के लोग सफर करते हैं.

ग्रामीणों ने कहा :

ग्रामीण मनीषचंद्र सिंह ने कहा की प्रशासन जनता की जान से खिलवाड़ कर रही है. चार साल बीत जाने के बाद भी पुल की मरम्मत नहीं हुई. यह प्रशासन की लचर व्यवस्था की पहचान है. पन्नु राम ने कहा की प्रशासन किसी अप्रिय घटना का इंतजार कर रही है. जब किसी की जान चली जायेगी.

तब पुल मरम्मत के लिए प्रशासन की नींद खुलेगी. अशोक सिंह ने कहा की हम सभी जान हथेली में रख कर पुल पार करते हैं. यदि प्रशासन जल्द पुल मरम्मत के लिए कोई पहल नहीं करती है तो जनता आंदोलन करते हुए सड़क पर उतरेगी. राममोहन सिंह ने कहा की केमटे पंचायत की जनता से प्रशासन ने मुंह मोड़ लिया है.

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