अफवाह के शिकार हुए बिशुनपुर प्रखंड के ग्रामीणों ने कोरोना टीका लेने से किया मना, स्वास्थ्य कर्मियों को भी दौड़ा दौड़ा कर पीटा

वैक्सीन लेने के बाद तबीयत खराब हो गयी, तो हम लोग हॉस्पिटल जायेंगे. जहां हम लोगों की किडनी निकाल ली जायेगी और हम मर जायेंगे. इसलिए हमलोगों ने गांव में बैठक कर यह निर्णय लिया है कि कोरोना वैक्सीन नहीं लेंगे. एएनएम व सहिया द्वारा वैक्सीन सुरक्षित है. इसे लेना आवश्यक है. कहे जाने पर लोग एएनएम व सहिया को मारने पीटने के लिए उतारू हो गये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2021 12:52 PM

Jharkhand News, Gumla Coronavirus Update बिशुनपुर : बिशुनपुर प्रखंड के गांवों में अब कोरोना फैल रहा है. वहीं दूसरी ओर अफवाह के कारण कोरोना वैक्सीन का विरोध करते हुए पहला डोज ले चुके 400 लाभार्थियों ने दूसरा डोज लेने से साफ मना कर दिया है. ये 400 लोग कोरोना वैक्सीन न लेकर अपने जीवन से खेल रहे हैं. गांवों में टीकाकरण के लिए गये एएनएम को लाभार्थियों ने कहा कि वैक्सीन लेने से मर सकते हैं.

वैक्सीन लेने के बाद तबीयत खराब हो गयी, तो हम लोग हॉस्पिटल जायेंगे. जहां हम लोगों की किडनी निकाल ली जायेगी और हम मर जायेंगे. इसलिए हमलोगों ने गांव में बैठक कर यह निर्णय लिया है कि कोरोना वैक्सीन नहीं लेंगे. एएनएम व सहिया द्वारा वैक्सीन सुरक्षित है. इसे लेना आवश्यक है. कहे जाने पर लोग एएनएम व सहिया को मारने पीटने के लिए उतारू हो गये.

गाली-गलौज करते हुए एएनएम व सहिया को भगा दिया. घाघरा, निराशी, हेलता, चिरोडीह, नरमा, बनारी, अमतीपानी, सेरका, गुरदारी और बनारी पंचायतों के तमाम गांव में कोरोना वायरस के लक्षण जैसी बीमारी सर्दी, बुखार फैल गया है. जिससे अब तक 15 दिनों में 10 व्यक्ति की मौत हो चुकी है.

ग्रामीणों के अनुसार सर्दी, बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ होने पर कटिया गांव के भोला महली, चिपरी गांव का बुधना उरांव, लबगा गांव के सहरंग खेरवार, बुधराम खेरवार हेलता गांव के काशीनाथ महतो, बनालत के बृजमोहन सिंह खेरवार, बनारी लाइन टोली के विनोद किंडो, सेरका का सोनूआ उरांव एवं बनारी में एक वृद्ध एवं एक वृद्धा की मौत हो चुकी है. जिसे ग्रामीण कोरोना बीमारी से मौत के रूप में मान रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि इन सभी लोगों में कोरोना जैसे लक्षण दिखायी दे रहे थे. पहले से कोई भी व्यक्ति बीमार नहीं था. सबसे पहले लोगों को सर्दी और बुखार हुई. जिसके चार-पांच दिन के बाद उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगी. जिसके बाद मौत हुई. इसके बावजूद कोई भी व्यक्ति अपना कोरोना जांच नहीं कराया था.

Posted By : Sameer Oraon

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