गुमला में पेंशन बनवाने के नाम पर चार हजार की ठगी, फिर भी पेंशन नहीं, आज भी लगा रहे हैं कार्यालयों के चक्कर

आठ वर्षों से मूक बधिर दंपती नि:शक्त पेंशन बनवाने के लिए सरकारी बाबुओं के कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं.

By Prabhat Khabar | September 13, 2021 1:50 PM

गुमला : घाघरा प्रखंड के ईचा गांव निवासी सुनील लोहरा (29 वर्ष) व उसकी पत्नी आशापति देवी (32 वर्ष) मूक बधिर हैं. दंपती बीते आठ साल से नि:शक्त पेंशन के लिए सरकारी बाबुओं के कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं. परंतु इनकी मदद कोई नहीं कर रहा है. सबसे चौंकाने वाली बात की दंपती का पेंशन स्वीकृत कराने के नाम पर एक दलाल ने चार हजार रुपये की ठगी कर ली.

दलाल ने कहा था कि दोनों का पेंशन स्वीकृत करा देंगे. परंतु चार हजार देना होगा. कुली मजदूरी कर दंपती ने चार हजार रुपये दलाल को घूस दिया. परंतु अबतक दंपती का पेंशन स्वीकृत नहीं हुआ. थक हारकर दंपती ने अब सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटना भी छोड़ दिया. किसी प्रकार मजदूरी कर परिवार का जीविका चल रहा है. मूक बधिर होने के कारण कई बार दंपती को मजदूरी का भी काम नहीं मिलता है.

मूक बधिर सुनील के पिता सतीश महतो अपने परिवार की भूख मिटाने के लिए उत्तर प्रदेश के एक ईट भटठा में काम करने गया है. वह मजदूरी कर जो पैसा कमाता है. वह अपने मूक बधिर बेटा व बहू के खर्च के लिए भेजता है. वहीं सुनील की मां मंती देवी घर में रहती है. बेटा व बहू बोल नहीं पाते. इसलिए घर पर मंती देवी दोनों की देखभाल करती है और जरूरत पड़ने पर उनके कामों में मदद करती है.

ऐसे मामला प्रकाश में आया :

रविवार को मिशन बदलाव के जितेंद्र कुमार, शिव कौशल, विक्रम कुमार और संदेश उरांव ने ईचा गांव का दौरा किया. गांव के दौरा के क्रम में मूक बधिर दंपती की समस्या की जानकारी मिली. मिशन बदलाव ने घाघरा बीडीओ से वैसे लोगों को चिन्हित करने की मांग किया है जो लोग ब्लॉक में दलाली व बिचौलियागिरी कर गरीबों को लूटने का काम कर रहे हैं. साथ ही मूक बधिर दंपती की मदद करने की मांग की है.

Next Article

Exit mobile version