पिता बीमार हैं, इलाज के लिए पैसे नहीं

घाघरा प्रखंड के कुगांव निवासी गोविंद चीक बड़ाइक (50) दो वर्षों से बीमार है. वे चलने फिरने में असमर्थ है.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 30, 2020 12:36 AM

घाघरा : घाघरा प्रखंड के कुगांव निवासी गोविंद चीक बड़ाइक (50) दो वर्षों से बीमार है. वे चलने फिरने में असमर्थ है. बिस्तर या फिर कुर्सी पर ही बैठ कर जीवन गुजर रहे हैं. उनके पास पैसे नहीं है, जिस कारण वह इलाज नहीं करा पा रहे हैं. गरीबी के कारण बेटी की पढ़ाई बंद हो गयी.

घर की जीविका जैसे तैसे चल रही है. गोविंद की पत्नी फुलकुमारी देवी ने बताया कि दो वर्ष पूर्व जब मेरे पति बीमार पड़े थे, उस समय उनका इलाज रांची के एक अस्पताल में कराया गया, ज़हां डॉक्टरों ने मेरे पति का ब्रेन हेमरेज होने की जानकारी दी. उस अस्पताल में आयुष्मान कार्ड योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का इलाज किया गया. इसके बाद वहां के डॉक्टरों ने अपना हाथ खड़ा कर दिया. तब मैं अपने पति को पैसे के अभाव के कारण घर ले आयी.

घर में कोई कमाने वाला नहीं है. किसी प्रकार गुजर-बसर कर रही हूं. गोविंद की पुत्री पूनम कुमारी बीए पार्ट-टू में पढ़ाई करती थी, परंतु आर्थिक तंगी के कारण उसने अपनी पढ़ाई छोड़ दी है. उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है. गोविंद ने लड़खड़ाते शब्दों में कहा कि मेरी बीमारी के इलाज में घर का सारा पैसा खर्च हो गया, फिर भी मैं ठीक नहीं हुआ. सरकार व प्रशासन से ही अब मदद की उम्मीद है. अगर सरकार मदद कर दे, तो अस्पताल में भर्ती कर बेहतर इलाज हो सकता है.

Post by : Pritish Sahay

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