बाघमुंडा जलप्रपात के विकास में खर्च होंगे 2.44 करोड़, प्राक्कलन तैयार

पर्यटकों की सुविधा के लिए बनेगा पार्किंग जोन, जलप्रपात में उतरने वाली सीढ़ी पर लगेगी रेलिंग

By Prabhat Khabar News Desk | December 3, 2025 9:19 PM

गुमला. झारखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में एक बसिया प्रखंड का बघमुंडा जलप्रपात है. बाघमुंडा अब नये रंग रूप में नजर आयेगा, जो पर्यटकों को आकर्षित करेगा. बाघमुंडा के विकास के लिए प्राक्कलन बन गया है. करीब दो करोड़, 44 लाख रुपये बाघमुंडा के विकास में खर्च होंगे. इतनी लागत में बाघमुंडा में 26 प्रकार के विकास के काम होंगे, जिससे पर्यटक मस्ती व मनोरंजन कर सकेंगे. इसके अलावा बाघमुंडा अभी पर्यटक क्षेत्र के दृष्टिकोण से सी श्रेणी में है. जिला पर्यटन विभाग गुमला ने बाघमुंडा को बी-श्रेणी में करने की मांग की है, जिससे बाघमुंडा को पूरे देश में एक अलग पहचान मिल सके. बाघमुंडा जंगल, नदी व पहाड़ के बीच है. अद्भुत प्राकृतिक छटा है. यहां की आकर्षित करता दृश्य सैलानियों को अपनी ओर खींचता है. यह पिकनिक स्पॉट के रूप में विख्यात है. यहां सालोंभर पर्यटक आते हैं. पर्यटकों की पहली पसंद व सालोंभर पर्यटकों के इस क्षेत्र में आवागमन होता है. बाघमुंडा जलप्रपात के समीप वॉच टावर, सेल्फी प्वाइंट, पार्किंग एरिया, प्रवेश द्वार, सोलर लाइट समेत 26 प्रकार के विकास के काम यहां होंगे. साथ ही सेल्फी जोन भी बनेगा, जिससे पर्यटक अपनी सुंदर फोटो नदी की बहती धाराओं के साथ कैमरे व मोबाइल में कैद कर सकेंगे. वॉच टावर भी बनेगा, जिसके लिए स्थल का चयन हो गया है. वॉच टावर से बाघमुंडा जलप्रपात की मनोरम दृश्य व आसपास के जंगलों की खूबसूरती को देख सकेंगे. बाघमुंडा जलप्रपात में उतरने वाली सीढ़ी में रेलिंग का निर्माण किया जायेगा. अभी सीढ़ी में रेलिंग नहीं होने से पर्यटकों को परेशानी व असुरक्षा महसूस होती है. इसके अलावा जगह-जगह पर सूचना बोर्ड लगेगा, जिसमें बाघमुंडा में किस तरफ घूमने जाये और किस तरफ नहीं जाये. इसकी जानकारी सूचना बोर्ड में रहेगी.

सालों भर यहां पर आते हैं पर्यटक

बाघमुंडा की नदी की तेज धारा व तीन दिशाओं से बहने वाली पानी का अद्भुत नजारा सिर्फ बरसात में दिखता है. परंतु इस जगह की जो बनावट है, यह लोगों को हर साल अपनी ओर खींचती है. यह एक बड़ा कारण हैं कि गर्मी, सर्दी ओर बरसात में, मौसम कोई भी हो. यहां सालों भर सैलानियों के तांता लगा रहता हैं. जबकि यह पिकनिक स्पॉट भौतिक सुख सुविधाओं से वंचित है. इतना ही नहीं इसके प्रवेश द्वार में स्थित प्राचीन शिव मंदिर, राह में स्थित महादेव कोना एवं पास में स्थित धनसिंह टोला जलाशय को जोड़ दें तो बनने वाले गोल्डन ट्राइंगल का आकर्षण इसे स्वतः विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने का बोध करने लगता है.

कैसे नाम पड़ा बाघमुंडा

बाघमुंडा जलप्रपात कोयल नदी की पत्थरों के विशाल ढेर के बीच सात धाराओं में परिवर्तित करते तीन अलग-अलग दिशाओं में बहती है. पत्थर के इस विशाल ढेर के बीच एक पत्थर जो कि बाघ के सिर के आकार का है, जिससे टकरा कर पानी नदी में गिरती है. इस कारण इस जलप्रपात का नाम बाघमुंडा पड़ा.

जिला पर्यटन पदाधिकारी ने कहा

जिला पर्यटन पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा बाघमुंडा जलप्रपात का विकास होगा. इसके लिए 2.44 करोड़ रुपये का प्राक्कलन तैयार हो गया है. बहुत जल्द बाघमुंडा के विकास के लिए काम शुरू किया जायेगा. उपायुक्त ने पर्यटन स्थलों के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है.

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