Best Tourist Places In Jharkhand: सुग्रीव गुफा, जहां भीषण गर्मी में शिमला की तरह लगेगा कूल-कूल, यहां पधारे थे भगवान श्रीराम

Best Tourist Places In Jharkhand: झारखंड के गुमला जिले का पालकोट बेहद खास है. इसका न सिर्फ त्रेतायुग से कनेक्शन है, बल्कि भीषण गर्मी में ठंड का अहसास के लिए भी अच्छी जगह है. माता सीता की खोज के दौरान भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के साथ यहां पधारे थे. सुग्रीव और हनुमान से उनकी मुलाकात हुई थी. गर्मी में कूल-कूल का आनंद लेना चाहते हैं तो यहां की सुग्रीव गुफा शानदार जगह है.

By Guru Swarup Mishra | May 25, 2025 3:26 PM

Best Tourist Places In Jharkhand: पालकोट(गुमला), महिपाल सिंह-झारखंड में एक जगह पालकोट है, जहां भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के साथ पधारे थे. गुमला जिले के पालकोट प्रखंड का प्राचीन नाम पंपापुर है. यहां बाली और सुग्रीव का साम्राज्य हुआ करता था. महाबली बंजरग बली का जन्म भी यहां के आंजन धाम में हुआ था. जब रावण माता सीता का हरण कर लंका ले गया था, तब वह पंपापुर से होकर ही आकाश मार्ग से गुजरा था. भगवान श्रीराम माता सीता को खोजते हुए पंपापुर पधारे थे. सुग्रीव और बंजरग बली से भगवान श्रीराम की मुलाकात हुई थी. पालकोट पंपापुर पर्वत शिखर की प्राचीन धरोहर का शिखर पर्वत है. इस पर्वत शिखर को ऋषिमुख पर्वत भी कहते हैं. यहीं है सुग्रीव गुफा, जहां भीषण गर्मी में शिमला की तरह आनंद आता है.

सुग्रीव गुफा कहां पर है?


पालकोट में एक गुफा है. इस गुफा को घोड़लता या सुग्रीव गुफा कहते हैं. यहां हमेशा ठंडी हवा बहती है. गुफा में कश्मीर सी ठंड का अहसास होता है. यहां पालकोटवासी गर्मी में दोपहर में आराम करने आते हैं. पालकोट प्रखंड में कितनी भी गर्मी या लू क्यों ना चले. आप घोड़लता गुफा या सुग्रीव गुफा आ जाइए. इसके आगे एसी भी फेल है. यहां मां भगवती दशभुजी रानी का मंदिर भी है. मां के दरबार में भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. पालकोट नागवंशी राजाओं का गढ़ रहा है. यहां सपरिवार आकर आनंद ले सकते हैं.

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अमृत है निझर झरना का पानी


पंपापुर पर्वत शिखर के नीचे ऐतिहासिक निझर झरना है. एक विशाल जलकुंड है. यहां का पानी हमेशा ठंडा रहता है. यहां के जल को पालकोटवासी ही नहीं, दूर-दराज से आए लोग भी पीते हैं और अपनी प्यास बुझाते हैं. इस पानी को लोग अपने घर भी ले जाते हैं. तपती गर्मी में भी इस पानी से लोगों को सुकून मिलता है. इसके पानी की एक खासियत है कि इसमें कभी कीड़े नहीं लगते.

पालकोट से कितना दूर है ये खास स्थान?


ऋषिमुख पर्वत शिखर के नीचे पहुंचना काफी आसान है. यह पालकोट बस स्टैंड से आधा किलोमीटर, गुमला से यह 25 किलोमीटर, रांची से 120 किलोमीटर और खूंटी के कोनवीर से 17 किलोमीटर दूर है.

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