झारखंड में नक्सली बंदी का पहला दिन, गुमला में बॉक्साइट उत्खनन ठप, नहीं चली लंबी दूरी की गाड़ियां

तीन दिवसीय नक्सली बंदी के पहले दिन झारखंड के गुमला जिले में लोगों के बीच नक्सलियों का डर देखा गया. लंबे अरसे बाद नक्सली बंदी का असर ऐसा रहा कि ना तो बॉक्साइड की ट्रक चली और ना ही लंबी दूरी की गाड़ियां चली. कई गांव में बाजार तक नहीं लगी.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 23, 2021 6:51 PM

Jharkhand Naxal News (दुर्जय पासवान, गुमला) : भाकपा माओवादी द्वारा बुलाये गये तीन दिवसीय झारखंड बंद के पहले दिन गुमला जिले में नक्सली डर दिखा. बिशुनपुर व घाघरा प्रखंड में बॉक्साइट उत्खनन ठप रहा. माइंस में ताला लटका रहा. बॉक्साइट ट्रक भी नहीं चली. लंबे अरसे के बाद नक्सली बंद का असर ऐसा रहा कि गुमला से कई जिलों के लिए बस नहीं छूटी और ना ही दूसरे जिलों से गुमला बस आयी. गुमला से लोहरदगा, पलामू, लातेहार, सिमडेगा, राउरकेला व छत्तीसगढ़ राज्य बस नहीं गयी.

झारखंड में नक्सली बंदी का पहला दिन, गुमला में बॉक्साइट उत्खनन ठप, नहीं चली लंबी दूरी की गाड़ियां 2

वहीं, गुमला जिले के डुमरी, जारी, चैनपुर व बिशुनपुर प्रखंड में बंद का व्यापक असर देखा गया. कई गांव में बाजार तक नहीं लगी. डुमरी प्रखंड के जैरागी में कुछ ही दुकानें लगी. बंद की सूचना के बाद गुमला शहर की साप्ताहिक बाजार पर भी असर रहा. हालांकि, शहर की सभी छोटी-बड़ी दुकानें खुली रही, लेकिन लंबी दूरी की गाड़ी नहीं चली. सिर्फ गुमला से कुछ बसें रांची के लिए गयी. बताया जा रहा है कि गुमला से हर दिन करीब 50 बसों का परिचालन होता है, लेकिन नक्सली डर से मात्र 7-8 बस ही रांची गयी.

बिशुनपुर-घाघरा : बॉक्साइट माइंस उत्खनन ठप रहा

बिशुनपुर प्रखंड में भाकपा माओवादी डर से बॉक्साइट उत्खनन बंद रहा. बॉक्साइट की ढुलाई ठप रहा. बंद का असर व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी देखा गया. प्रखंड की तमाम व्यापारिक प्रतिष्ठान भय के कारण खुद ही बंद रहा. सड़कों पर वाहनों का परिचालन नहीं हुई. जिस कारण सड़कों पर वीरानी छायी रही. बंदी के कारण बॉक्साइट ट्रक, यात्री वाहन एवं नेतरहाट जाने वाले पर्यटक वाहन सड़कों पर नहीं दिखे. साप्ताहिक हाट में छिटपुट सब्जी की बाजार लगी. पुलिस प्रशासन अलर्ट थी. घाघरा में भी बॉक्साइट माइंस ठप रहा.

Also Read: घाघरा प्रखंड का नवडीहा पुल डेंजर जोन में, सीएम हेमंत सोरेन ने दिया मरम्मत का निर्देश जारी-रायडीह : नक्सली डर से बैंक नहीं खुला

जारी प्रखंड में माओवादी बंदी का असर रहा. प्रखंड मुख्यालय खुला रहा, लेकिन कुछ सरकारी कर्मचारी मुख्यालय नहीं पहुंचे. ग्रामीण प्रखंड मुख्यालय पहुंचे, लेकिन कर्मियों के नहीं रहने से निराश वापस हो गये. बैक ऑफ इंडिया, जारी शाखा बंद था. थानेदार अमर पोद्दार के निर्देश पर अधीनस्थ पदाधिकारी जगह- जगह वाहन चेकिंग करते नजर आये. इधर, रायडीह प्रखंड में भी बंद का असर देखा गया. पुलिस अलर्ट दिखी.

भरनो-सिसई : माओवादी बंदी का आंशिक असर

भरनो व सिसई प्रखंड में भाकपा माओवादी बंद का आंशिक असर दिखा. सिर्फ गाड़ी नहीं चली. दुकानें खुली थी. ब्लॉक, बैंक, प्रतिष्ठान सहित सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थान खुली रही. भरनो के एसआइ सत्यम गुप्ता ने वाहनों की जांच करते नजर आये. सिसई में भी पुलिस अलर्ट रही.

डुमरी-चैनपुर : माओवादी बंद रहा असरदार

डुमरी व चैनपुर प्रखंड में माओवादी बंद का पहला दिन असरदार रहा. इस दौरान सड़कों व चौक चौराहों पर सन्नाटा पसरा रहा. बड़े वाहन नहीं चली. बैंक व मुख्यालय खुला रहा. जहां लोगों की भीड़ नहीं थी. डुमरी प्रखंड का जैरागी सप्ताहिक बाजार सूना रहा. चैनपुर प्रखंड में व्यापक असर रहा. एक भी दुकान नहीं खुली. पुलिस अलर्ट थी. वाहनों व संदिग्धों की जांच करती नजर आयी पुलिस.

Also Read: गुमला शहर के श्मशान घाट के करीब बनेगी गोशाला, लावारिस पशुओं को मिलेगा आश्रय बसिया-कामडारा-पालकोट : बंद का रहा आंशिक असर

कामडारा व बसिया में बंद का आंशिक असर रहा. छोटी-बड़ी वाहनों का परिचालन समान्य रहा. हालांकि यात्री बसों का परिचालन नहीं हुआ. हटिया-राउरकेला रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन हुआ. बसिया में पुलिस की चौकसी अधिक थी. पालकोट में भी बंद का मिलाजुला असर देखा गया. हालांकि इस क्षेत्र में खुद एसपी दौरा करते नजर आये.

Posted By: Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version