शहीद अलबर्ट एक्‍का की बीमार पत्नी नहीं कर पायी मतदान, शहीद सुकरा की पत्नी ने वोट डाल दी नक्सलियों को चुनौती

दुर्जय पासवान, गुमला परमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का इसबार भी विधानसभा चुनाव में वोट नहीं कर सकीं. इससे पहले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भी वह मतदान नहीं कर पायी थीं. हालांकि इसबार बीमार होने के कारण वह बूथ नहीं पहुंच सकी. वैसे प्रशासन ने बलमदीना के लिए वाहन की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 30, 2019 9:00 PM

दुर्जय पासवान, गुमला

परमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का इसबार भी विधानसभा चुनाव में वोट नहीं कर सकीं. इससे पहले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भी वह मतदान नहीं कर पायी थीं. हालांकि इसबार बीमार होने के कारण वह बूथ नहीं पहुंच सकी. वैसे प्रशासन ने बलमदीना के लिए वाहन की व्यवस्था की थी. परंतु बलमदीना ने बीमार होने का हवाला देकर बूथ तक जाने से इनकार कर दिया.

बलमदीना एक्का ने कहा, (नागपुरी में) मोर ले पहले सरकार गाड़ी भेजत रहे. लेकिन अगले साल से मोर ले गाड़ी कर व्यवस्था नी मिला थे. मोर उम्र 80 वर्ष से ऊपर हो जा हे और मोई हमेशा बीमार रहोन. चलेक भी नी सकोना. अगर सरकार वाहन की व्यवस्था करत तो मोई जरूर वोट करतो. वोट देकर बहुत इच्छा रहे. उन्होंने कहा कि कई बार प्रशासन से मेरे लिए चैनपुर से जारी जाने के लिए गाड़ी की मांग की. लेकिन प्रशासन मेरे लिए वाहन की व्यवस्था नहीं की. परंतु इसबार बीमारी के कारण वोट नहीं दी.

परमवीर अलबर्ट एक्का की बहू रजनी एक्का ने आज अपने बेटे के साथ जारी बूथ में मतदान किया. रजनी ने कहा कि मेरे पति चुनाव डयूटी में हैं. जिसके कारण हमलोगों को चैनपुर से आकर मतदान करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बीमारी व समय पर वाहन नहीं मिलने के कारण सास बलमदीना एक्का वोट करने से वंचित रह गयीं.

शहीद सुकरा की पत्नी ने किया मतदान, कहा : नक्सली को उखाड़ फेंके सरकार

लातेहार जिला में उग्रवादी हमले में शहीद हुए घाघरा ब्लॉक के पुलिस पदाधिकारी सुकरा उरांव की पत्नी लालमणि देवी ने शनिवार को अपने गांव के बूथ पर जाकर मतदान किया. इस क्षेत्र में नक्सलियों ने वोट बहिष्कार का एलान किया था. इसके बावजूद लालमणि ने नक्सलियों के खिलाफ जाकर वोट किया और सरकार से नक्सलियों को उखाड़ फेंकने की अपील की.

मतदान के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मैंने अपने पति को मौत के घाट उतारने वाले उन नक्सलियों के खिलाफ मतदान किया हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार यह वादा करती है कि नक्सली हमारे क्षेत्र से खत्म हो गये हैं. मैं सरकार से जानना चाहती हूं कि अगर नक्सली खत्म हो गये हैं, तो इस तरह की घटना क्यों घटी. हमारे पति हमें छोड़कर क्यों चले गये. उन्होंने सरकार के आग्रह किया है कि वह मेरे पति के हत्‍यारों से बदला ले. नक्सली को राज्य से उखाड़ फेंके.

Next Article

Exit mobile version