गुमला में बोले पीएम मोदी – झारखंड को बदनाम करने वाली कांग्रेस और JMM को सिखाना है सबक
गुमला : झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मेदिनीनगर और गुमला में विशाल जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने गुमला में रैली को संबोधित करते हुए कहा की धरती वीर पुरुषों, त्यागियों की भूमि है. ऐसे ही प्रेरणा देने वाले व्यक्तित्व भारत में झारखंड की भूमि को विशेष स्थान दिलाते हैं. यहां […]
गुमला : झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मेदिनीनगर और गुमला में विशाल जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने गुमला में रैली को संबोधित करते हुए कहा की धरती वीर पुरुषों, त्यागियों की भूमि है. ऐसे ही प्रेरणा देने वाले व्यक्तित्व भारत में झारखंड की भूमि को विशेष स्थान दिलाते हैं. यहां के वीरों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया है और आज भी देश की सीमाओं पर और नक्सलवादी इलाकों में जुटे यहां के युवा देशवासियों की रक्षा में जुटे हैं.
2014 में जब मैं यहां आया था तब और आज की यहां की स्थिति में बहुत अंतर है. तब यहां नक्सलवाद का असुरक्षा का और आये दिन होने वाली हिंसा का मुद्दा छाया रहता था.
यहां की सरकार ने सुरक्षा बलों ने और आप सभी ने इतना सराहनीय कार्य किया है कि अब ये क्षेत्र भय के वातावरण से करीब-करीब मुक्त हो चुका है. नक्सलवाद की चुनौती को खत्म करने में भी हम इसलिए सफल हो पा रहे हैं, क्योंकि हमारी नीयत साफ है और हम बहुत ईमानदारी से प्रयास रहे हैं.
पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, वे नक्सलवादियों को अपनी राजनीति के लिए उपयोग भी करते थे और फिर उनके खिलाफ लड़ाई का दिखावा भी करते थे. पहले कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकारें चाहे यहां रही हो या दिल्ली में उनकी नीति और नीयत दोनों में खोट थी. बीते 5 वर्षों में केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने पूरे तालमेल के साथ नक्सलवाद की समस्या का समाधान करने की तरफ कदम बढ़ाए हैं.
जो भटके हुए नौजवान वापस मुख्यधारा में आना चाहते हैं, उनके लिए भी खुले दिल से प्रयास किए गए हैं. पहले की सरकारें, चाहे वो यहां रहीं हों या दिल्ली में उन्होंने यहां के क्या हाल किये थे उसका गवाह गुमला जिला है. इस जिले को नक्सल प्रभावित मानकर अपने हाल पर छोड़ दिया गया था, इसे पिछड़ा मानकर यहां के अफसरों को और भी हताश कर दिया था. भाजपा ने गुमला जिले को उन 112 जिलों में शामिल किया, जो विकास की गति में थोड़ा पीछे रह गए थे. हमने इन जिलों को पिछड़ा नहीं आकांक्षी जिला कहा.
पीएम मोदी ने कहा, भाजपा की नीति एकदम साफ है. हमारे लिए झारखंड का जन-जन और कण-कण एक समान है. सबका साथ, सबका विकास भाजपा सरकार का मूल मंत्र है. भाजपा की सरकार एक तरफ झारखंड की नयी छवि को देश और दुनिया तक पहुंचाने में जुटी है, वहीं कांग्रेस और JMM के लोग झारखंड की छवि को धुमिल करने में जुटे हैं.
हम चाहते हैं यहां निवेश हो, यहां रोजगार के नये अवसर बनें, यहां के युवाओं को बाहर न जाना पड़े, लेकिन कांग्रेस और उसके साथी झारखंड को बदनाम करने में जुटे हुए हैं. झारखंड को बदनाम करने वाली कांग्रेस और JMM की सोच को हमें मतदान करके, पोलिंग बूथ में जाकर, कमल का बटन दबाकर समाप्त करना है. भाजपा सामान्य मानवी के सपनों व उसकी आकांक्षाओं को पूरा करने में जुटी है.
किसान, श्रमिक, जंगलों में रहने वाले हमारे जनजातीय आदिवासी साथी, सबके जीवन को आसान बनाना हमारा ध्येय है. पढ़ाई, कमाई, सिंचाई और दवाई हर व्यक्ति को सुलभ हो इसके लिए काम किया जा रहा है. जब गरीब की, आदिवासी की चिंता करने वाली, उसकी परेशानी को दूर करने वाली सरकार होती है तो काम जमीन पर नजर आता है.
आज गरीब अपने घर का सपना देख पा रहे हैं, क्योंकि किसको घर मिले ये अब किसी नेता के हाथ नहीं है. पहले की सरकारों में छोटे-छोटे घर होते थे. हमने सब बदल दिया है. घरों का आकार भी बढ़ाया है. उसमें शौचालय से लेकर बिजली, रसाई गैस की सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाती हैं. सिर्फ चार दिवारें नहीं, स्वाभिमान के साथ जी सकें ऐसा घर बनाया जाता है.
भाजपा का ये संकल्प है कि 2024 तक देश के हर घर को जल से जोड़ना है. जैसे हर घर में शौचालय बनाने का काम सफलता से पूरा किया गया है, उसी तरह हर घर तक जल पहुंचाना है. इस मिशन का बहुत बड़ा लाभ हमारे आदिवासी समाज को मिलने वाला है.
झारखंड में गरीबों के लिए घर इतनी तेजी से इसलिए बन पाए क्योंकि यहां रांची में भी और दिल्ली में भी भाजपा की डबल इंजन सरकार थी. ऐसे में 2022 तक सभी गरीबों को अपना घर देने का प्रयास भी रांची और दिल्ली का साझा है.
किसानों के साथ-साथ भाजपा की सरकार जंगलों पर आश्रित आदिवासी भाई-बहनों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए पूरे समर्पण भाव से काम कर रही है. आदिवासी समाज के स्वास्थ्य, सम्मान और समृद्धि के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं. जनजातीय समाज के बच्चों और युवाओं की पढ़ाई और कौशल विकास के लिए भी बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है. इसी वर्ष झारखंड से ही एकलव्य मॉडल स्कूल का बड़ा नेटवर्क स्थापित करने का अभियान शुरु हुआ है.
जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी तब उन्होंने न सिर्फ इस प्रदेश का निर्माण किया बल्कि आजादी के बाद पहली बार जनजाति समुदाय के लिए अलग से मंत्रालय बना, अलग से बजट स्वीकृति किया. भाजपा की सरकारों ने हमेशा से आदिवासी नेतृत्व और उनकी प्रतिभा को सिर्फ सम्मान ही नहीं दिया बल्कि आगे भी बढ़ाया है.
ये सिर्फ राजनीतिक प्रतिनिधित्व तक ही सीमित नहीं है, संवैधानिक व्यवस्थाओं में भी आदिवासी समुदाय को भाजपा ने अवसर दिया है. वनों में रहने वालों की प्रेरणा ने तो प्रभु श्रीराम को भी मार्ग दिखाया था. आप कल्पना कीजिए राम जब अयोध्या में थे तो राजकुमार राम थे और जब 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या गए तो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम बन गए. क्योंकि 14 साल श्रीराम ने वन में आदिवासियों के बीच गुजारे थे.
