पड़हा समाज ने सरकार से सरना स्‍थल से उठायी गयी पवित्र मिट्टी वापस मांगी, दिया धरना

दुर्जय पासवान, गुमला पादा पड़हा झारखंड के बैनर तले मूली पड़हा, पादा पड़हा, अतखा पड़हा सहित सरना व आदिवासी समाज के लोगों ने आदिवासियों के धार्मिक स्थलों (सरना) की मिट्टी को वापस करने सहित छह सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को गुमला के कचहरी परिसर गुमला में एक दिवसीय धरना दिया. धरना प्रदर्शन के माध्यम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2019 7:11 PM

दुर्जय पासवान, गुमला

पादा पड़हा झारखंड के बैनर तले मूली पड़हा, पादा पड़हा, अतखा पड़हा सहित सरना व आदिवासी समाज के लोगों ने आदिवासियों के धार्मिक स्थलों (सरना) की मिट्टी को वापस करने सहित छह सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को गुमला के कचहरी परिसर गुमला में एक दिवसीय धरना दिया. धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार द्वारा सरना स्थलों से उठायी गयी पवित्र मिट्टी को वापस करने कह मांग की गयी.

इसके साथ ही आदिवासियों के पवित्र सामाजिक, सांस्कृतिक धरोहर से किसी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं करने, बिना अनुमति के धार्मिक स्थलों से मिट्टी का उठाव नहीं करने, मिट्टी उठाव की जांच कराने, सिर्फ सरना स्थल से ही मिट्टी उठाव की आवश्यकता क्यों की जांच एवं प्रशासन द्वारा पांचवीं अनुसूचि क्षेत्र जनजातियों का रूढ़ीप्रथा कस्टमरी लॉ का खुलेआम उल्लंघन नहीं करने की मांग की गयी.

मौके पर राजी पड़हा भारत के दीवान फौदा उरांव ने कहा कि रांची अवस्थित बिरसा मुंडा जेल को बिरसा मुंडा संग्रहालय के रूप में विकसित करने के क्रम में राज्य के गांवों के पावन मिट्टी का संग्रहण करने के लिए सरकार द्वारा राज्य के सभी उपायुक्तों को पत्र प्रेषित किया गया था. परंतु पत्र में कहीं भी आदिवासियों के पवित्र स्थल (सरना) का मिट्टी उठाव कराने का जिक्र नहीं है. इसके बावजूद इस जिले के सभी प्रखंडों के सरना स्थलों से मिट्टी का उठाव किया गया है.

श्री उरांव ने कहा कि हम आदिवासी समाज के लोग सभी शहीदों का सम्मान करते हैं. फिर भी आदिवासियों के धार्मिक स्थलों का मिट्टी बिना अनुमति के उठाव किया गया है. पहले ग्राम प्रधानों को मानदेय व कंबल देने की बात कही गयी. इसके बाद उनसे मिट्टी उठाव कराया गया. इसकी भी निष्पक्ष रूप से जांच होनी चाहिए.

इस अवसर पर पादा पड़हा झारखंड के बेल खुदी भगत दुखी, देवान परमेश्वर भगत, उप दिवान विश्वनाथ उरांव, कहतो सुकरू उरांव, उप कहतो जयराम उरांव, मूली पड़हा के देवान राजू उरांव, सुशील उरांव, राजवेल उरांव, चुया उरांव, जर्नादन उरांव, महावीर उरांव, नौरी उरांव, राम लोहरा सहित कई लोग उपस्थित थे.

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