फिर खून से ‘लाल’ हुई गुमला की काली सड़क, पेड़ से टकराया तेज रफ्तार ऑटो, एक की मौत 7 घायल

दुर्जय पासवान गुमला : गुमला की काली सड़क फिर खून से ‘लाल’ हो गयी. जिला में तेज रफ्तार ने रविवार को फिर एक व्यक्ति को मौत की नींद सुला दी. सात लोग घायल भी हो गये. दुर्घटना जिला के घाघरा प्रखंड की है. घाघरा के पास तेज रफ्तार ऑटो एक पेड़ से टकराकर पलट गया. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 13, 2019 2:02 PM

दुर्जय पासवान

गुमला : गुमला की काली सड़क फिर खून से ‘लाल’ हो गयी. जिला में तेज रफ्तार ने रविवार को फिर एक व्यक्ति को मौत की नींद सुला दी. सात लोग घायल भी हो गये. दुर्घटना जिला के घाघरा प्रखंड की है. घाघरा के पास तेज रफ्तार ऑटो एक पेड़ से टकराकर पलट गया. इसमें एक व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी, जबकि सात अन्य घायल हो गये. सभी घायलों को गुमला सदर अस्पताल भेज दिया गया है.

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यहां बताना प्रासंगिक होगा गुमला की सड़कें खूनी हो गयी हैं. यहां लगातार दुर्घटना के साथ-साथ मृतकों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. पिछले साल से तुलना करें, तो गुमला जिले में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है. वर्ष 2017 में 140 लोगों की मौत हुई थी, जो 2018 में 212 हो गयी.

सड़क हादसे में लोगों की मौत तो होती ही है, बड़ी संख्या में लोग अपाहिज भी हो जाते हैं. हादसों की अहम वजहों में एक वजह यातायात नियमों का पालन नहीं करना भी है. परिवहन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि जिले के 12 प्रखंडों में स्थित 15 थाना क्षेत्रों में वर्ष 2018 में जनवरी से दिसंबर तक 241 सड़क हादसे हुए. इनमें 212 लोगों की मौत हुई और 153 लोग घायल हुए. वर्ष 2017 में 236 हादसों में 140 लोगों की जानें गयीं. वर्ष 2017 और 2018 की तुलना करें, तो सड़क हादसे में महज दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि हादसे में मरने वालों की संख्या 30 फीसदी बढ़ गयी है.

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शराब पीकर गाड़ी चलाना, हेलमेट का इस्तेमाल न करना और तेज गति व चालक की लापरवाही भी दुर्घटना और मौत के कारण बने. हालांकि, परिवहन विभाग सड़क हादसे रोकने के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाता है, लेकिन लोगों की लापरवाही और यातायात नियमों की अनदेखी की वजह से उसका खासा असर नहीं होता.

आंकड़े बताते हैं कि गुमला जिला में सबसे अधिक मोटरसाइकिल दुर्घटना होती है. 70 से 75 प्रतिशत हादसे बाइक से होती है. इसमें जान गंवाने वाले ज्यादातर लोग बिना हेलमेट गाड़ी चला रहे थे. युवाओं के करतब दिखाने या स्टंट करने का शौक भी उनकी मौत का कारण बनता है.

गुमला के ब्लैक स्पॉट, जहां होते हैं हादसे

गुमला में कुछ ब्लैक स्पॉट चिह्नित किया गया है, जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं. भरनो नहर के समीप, पिलखी मोड़ सिसई, सिसई रोड तालाब, खोरा पतराटोली, पोजेंगा मोड़, मरदा नदी रोड, सिलम घाटी, डोबडोबी मोड़, भलमंडा मोड़ व मिलमिली पुल ऐसी जगहें हैं, जिसे ब्लैक स्पॉट माना गया है. इन्हीं जगहों पर सबसे अधिक हादसे हुए और सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई.

आज भी सदमे में हैं जतरगड़ी के ग्रामीण

14 जनवरी, 2018 की रात भरनो में भीषण सड़क हादसा हुआ था. एक साथ 13 लोगों की जान गयी थी. जतरगड़ी गांव के लोग छठी कार्यक्रम से टेम्पो में लौट रहे थे. उसी समय सिसई से अवैध बालू लदे ट्रक ने भरनो पलमडीपा के समीप टेम्पो को जोरदार टक्कर मार दी थी. चार मासूम समेत 13 लोगों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था. आज भी गांव के लोग उस सदमे से नहीं उबर पाये हैं.

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