डायन बता दंपती हत्याकांड के चार आरोपियों को उम्रकैद, 18 महीने में हुई सजा

दुर्जय पासवान@गुमला... डायन बता कर दंपती की हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश-प्रथम लोलार्क दुबे की अदालत ने मंगलवार को चार आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी. हत्या की घटना डुमरी थाना के करनी क्षेत्र की है. घटना 16 मार्च 2017 को घटी थी. करनी निवासी बुधराम मुंडा व उसकी पत्नी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2018 10:09 PM

दुर्जय पासवान@गुमला

डायन बता कर दंपती की हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश-प्रथम लोलार्क दुबे की अदालत ने मंगलवार को चार आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी. हत्या की घटना डुमरी थाना के करनी क्षेत्र की है. घटना 16 मार्च 2017 को घटी थी. करनी निवासी बुधराम मुंडा व उसकी पत्नी हीरमईत मुंडाईन की गांव के ही बलकू मुंडा, सरहोली मुंडाईन, समकेश्वर मुंडा व मंगरीता कुमारी ने डायन बिसाही का आरोप लगाते हुए तेज धारदार हथियार से हत्या कर दी थी.

इस मामले में इन चारों आरोपियों को धारा 302 के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. इसके साथ 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ सकती है. जुर्माना की राशि मृतक के आश्रितों को दिया जायेगा.

इस संबंध में मृतक के छोटे भाई प्रभु मुंडा ने उपरोक्त लोगों के विरूद्ध हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें कहा गया था कि बलकू मुंडा का पुत्र दीपक मुंडा घटना से एक माह पूर्व पागल हो गया था. जिस बात को लेकर उपरोक्त लोग बराबर मृतक बुधराम मुंडा व उसकी पत्नी हीरमईत मुंडाईन को डायन कहते थे.

उपरोक्त लोग दंपती के घर आये और कहने लगे की मेरे बेटे को तुम लोग पागल बना दिये हो. पांच दिन के अंदर इसे ठीक कर दो. वरना तुम लोगों की खैर नहीं. इसके तीन दिन के बाद उपरोक्त लोग हथियार से लैस होकर दंपती के घर आये और दोनों को बाहर निकाल कर मारपीट करने लगे.

उसी दौरान हल्ला होने पर मृतक का छोटा भाई प्रभु मुंडा घर से बाहर निकला. अपने भैया-भाभी को मार खाता देख उसे बचाने गया. उसी दौरान उपरोक्त लोगों ने उस पर भी हमला कर दिया. किसी तरह प्रभु जान बचा कर वहां से भाग गया और छुप कर देखने लगा. प्रभु ने देखा कि उसके भैया व भाभी को उपरोक्त लोगों ने हथियार से गर्दन में वार कर हत्या कर दी. इस केस को सरकारी पक्ष की ओर से अपरलोक अभियोजक चंपा कुमारी पैरवी कर रही हैं.

दंपती की हत्या से पांच बच्चे हुए अनाथ

इस मामले में दंपती की हत्या से उसके पांच बच्चे जिसमें सुमंती कुमारी, सुगंती कुमारी, अदंती कुमारी, जीवंती कुमारी व पुत्र कृष्णा मुंडा अनाथ हो गये. इन सभी को धारा 357 ए (2) के तहत पूर्व में चार लाख रुपये प्रतिकर देने का आदेश दिया गया था. परंतु पांचों बच्चों की शिक्षा दीक्षा के लिए ये पर्याप्त नहीं थे. इसलिए इन बच्चों को ओर दो लाख रुपये देने की अनुशंसा की गयी है.