गुमला के ठेकेदार मनोज सिंह से NIA ने की पूछताछ, नक्सल संपत्ति की जांच का मामला
रांची : भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य व एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण रेड्डी की संपति की जांच व मददगार की तलाश कर रही एनआइए की टीम ने गुमला के ठेकेदार मनोज सिंह से पूछताछ की. मनोज शुक्रवार को एनआइए के रांची स्थित कार्यालय गये थे. जहां एनआइए के अधिकारियों ने मनोज सिंह […]
रांची : भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य व एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण रेड्डी की संपति की जांच व मददगार की तलाश कर रही एनआइए की टीम ने गुमला के ठेकेदार मनोज सिंह से पूछताछ की. मनोज शुक्रवार को एनआइए के रांची स्थित कार्यालय गये थे. जहां एनआइए के अधिकारियों ने मनोज सिंह से घंटों तक पूछताछ की. इस दौरान कई सवाल भी किए. जैसी सूचना है मनोज ने एनआइए अधिकारियों का जवाब दिया है. पूछताछ के बाद एनआइए के अधिकारियों ने मनोज को घर जाने के लिए कहा. साथ ही हिदायत दी कि बिना एनआइए की सूचना के वे गुमला व रांची छोड़कर कहीं नहीं जायेंगे. बाहर जाने के लिए उन्हें एनआइए से अनुमति लेनी होगी. तभी वे कहीं जा सकते हैं.
बताया जा रहा है कि मनोज सिंह पटना से लौटने के बाद रांची पहुंचे थे. उसके बाद वे एनआइए के बुलावे पर उनके कार्यालय गये थे. यहां बता दे कि तीन दिन पहले एनआइए ने गुमला स्थित मनोज के आवास पर छापा मारा था. 11 घंटे तक टीम ने मनोज के घर जांच की थी. उस समय मनोज घर पर नहीं थे. वे बिहार पटना गये थे. इस दौरान एनआइए के अधिकारी ने मनोज से फोन पर बात की थी. मनोज ने उस समय कहा था कि आप जब बुलायेंगे. मैं आ जाऊंगा.
टीम ने जैसे ही मनोज को बुलाया. वे शुक्रवार को रांची पहुंचे और एनआइए से बात की. इधर गुमला में चर्चा है और लोग कह रहे हैं कि मनोज ने कोई गलती नहीं की है. उसपर एनआइए का सिर्फ शक है. मनोज के पास कुछ नहीं मिलेगा. जबकि एनआइए को शक है कि नक्सलियों के रहने में मदद की गयी है. वहीं नोट बंदी के दौरान करोड़ों रुपये पुराने नोटों की अदली – बदली करायी गयी है. जबकि सूत्र बता रहे हैं कि प्रभुदयाल साहू, नक्सली सुधाकरण के भाई व सहयोगी द्वारा दिए गए बयान के आधार पर एनआइए जांच कर रही है.
