पीपरा में पोखर भी अब सूखे, जलसंकट से इंसान से लेकर जानवर परेशान
मवेशियों को पानी पिलाने के लिए दर-दर भटक रहे
पथरगामा प्रखंड की पीपरा पंचायत में पानी के लिए हाहाकार मचने लगा है. चापाकल और कुएं का जलस्तर तो फरवरी-मार्च से ही घटने लगा था. अब पंचायत का पोखर भी पूरी तरह से सूख चुका है, जिससे पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है. खासतौर पर पंचायत के पशुपालकों को पोखर सूख जाने से अपने मवेशियों को पानी पिलाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. पशुपालक अपने मवेशियों को पानी पिलाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. बता दें कि पीपरा का पोखर, जिसमें कभी पानी भरा रहता था, अब पूरी तरह से सूख चुका है. मालूम हो कि कभी सिंचाई के क्षेत्र में उपयोगी साबित होने वाला यह पोखर वर्तमान समय में सूखकर मैदान की शक्ल में नजर आ रहा है. लगभग दस बीघा कृषि योग्य भूमि में सिंचाई की सुविधा मुहैया कराने वाला पीपरा का पोखर अब पूरी तरह सूखा पड़ा है. पानी की जगह पोखर में मिट्टी के सूखे हुए ढेर और मैदानी घास नजर आ रही है. बताया जाता है कि मार्च माह के आसपास ही पोखर का पानी घटना शुरू हो गया था. इधर, पोखर में पानी नहीं रहने की वजह से सिंचाई में परेशानी होने के साथ-साथ आसपास के ग्रामीणों को स्नान, वस्त्र धुलाई जैसे आवश्यक कार्यों के लिए भी पानी की तलाश करनी पड़ रही है. स्थानीय दीपक कुमार दास, मुकेश कुमार, नीतीश कुमार, प्रमोद महतो, भागीरथ महतो, मुनिलाल मरांडी, सुमन, मनोज दास आदि ने बताया कि वर्षों पूर्व पोखर में खुदाई का कार्य हुआ था, लेकिन इसके बाद से आज तक सही तरीके से पोखर की खुदाई नहीं हो सकी है. ग्रामीणों ने बताया कि पोखर में पानी रहने से कृषि योग्य भूमि में सिंचाई होती थी, लेकिन अब पोखर का पानी सूख जाने से सिंचाई कार्य पूरी तरह से प्रभावित है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि पोखर में अच्छे तरीके से खुदाई करवा दी जाए, तो यह पोखर लोगों के लिए उपयोगी साबित हो सकेगा.
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