नूनबट्टा गांव में सब्जी खेती से सृजित हुआ रोजगार

आधुनिक तकनीक व परंपरागत सिंचाई से 500 एकड़ में हो रहा सब्जी उत्पादन

By SANJEET KUMAR | November 25, 2025 10:55 PM

झारखंड में रोजगार की तलाश में लोग दूसरे राज्यों की ओर पलायन करते रहते हैं, लेकिन गोड्डा जिले के नूनबट्टा गांव में स्थिति बिल्कुल अलग है. यहां के लोग अपने खेतों को पसीने से सींचकर स्वयं रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं और किसी को दूसरे प्रदेशों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती. किसानों का कहना है कि जिस तरह एक मां अपने बेटे को देखकर खुश होती है, ठीक उसी तरह वे खेतों में लहलहाती फसल देखकर प्रसन्न होते हैं. नूनबट्टा गांव में करीब 500 एकड़ में सब्जी की खेती हो रही है. आधुनिक तकनीक के साथ सोलर पंपसेट और परंपरागत सिंचाई प्रणाली के माध्यम से यह भूमि उर्वरा होकर सोना उगल रही है. गांव में आलू, फूलगोभी, प्याज, बंदागोभी, चुकंदर, भिंडी, करेला, ककड़ी, ननुआ, लौकी, बोड़ा आदि सब्जियों की वृहत पैमाने पर खेती हो रही है. नूनबट्टा के लोग न केवल स्वयं जीविकोपार्जन कर रहे हैं, बल्कि अन्य गांवों के लोगों को भी रोजगार मुहैया करा रहे हैं. गोड्डा जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर बसे इस गांव में करीब 80 परिवार रहते हैं, जिनमें अधिकांश कुशवाहा समुदाय से हैं. किसानों का कहना है कि सरकार ने अभी तक सब्जी उत्पादक किसानों की सुध नहीं ली है. उन्हें किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिलती. यदि सरकार मदद करती है तो गांव के लोग और तरक्की करेंगे.

सब्जी व्यापार और पड़ोसी राज्यों तक पहुंच

किसानों के अनुसार नूनबट्टा की हरी सब्जी से गोड्डा जिले के सभी बाजार भरे रहते हैं. इसके साथ ही व्यापारियों के माध्यम से यह उपज पड़ोसी जिलों और बिहार के भागलपुर तथा पश्चिम बंगाल तक भी पहुंचती है. सब्जी की खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरी है और वे अन्य गांवों के लोगों को भी छोटे-मोटे काम दे पा रहे हैं.

कोल्ड स्टोरेज और सिंचाई की आवश्यकता

किसान संतोषी देवी, दयावती देवी, बैद्यनाथ महतो, राजेश कुमार, गोपाल महतो आदि का कहना है कि वे खेती से जीविकोपार्जन कर रहे हैं, लेकिन उचित कीमत नहीं मिलती. वर्तमान में 20 हजार रुपये की लागत पर वे 40 हजार रुपये कमाते हैं, जो मेहनत के हिसाब से कम है. किसानों ने कहा कि हरी सब्जी को अधिक दिनों तक रोककर नहीं रखा जा सकता, जिससे उन्हें उपज औने-पौने दाम में बेचनी पड़ती है. उन्होंने मांग किया है कि कोल्ड स्टोरेज और फूड प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण किया जाये, जिससे उत्पादन और लाभ में वृद्धि हो सके. सिंचाई भी बड़ी समस्या बनकर उभरी है. मार्च आते-आते बोरिंग और कुएं सूख जाते हैं. किसानों ने सरकार से सामूहिक नलकूप निर्माण की मांग की है, ताकि गर्मी में भी हरी सब्जी का उत्पादन निरंतर जारी रखा जा सके.

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