महागामा में 268 आंगनबाड़ी केंद्रों पर चार माह से बंद है टीएचआर आपूर्ति
गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषाहार की कमी, प्रशासन से शीघ्र आपूर्ति की मांग
महागामा प्रखंड क्षेत्र में संचालित 268 आंगनबाड़ी केंद्रों में पिछले चार माह से टेक होम राशन (टीएचआर) की आपूर्ति पूरी तरह से बंद है. इससे गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और 7 माह से 3 वर्ष तक के छोटे बच्चों को मिलने वाला आवश्यक पोषाहार नहीं मिल पा रहा है. इस स्थिति से लाभुकों में गहरी नाराजगी और बच्चों के पोषण पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका जतायी जा रही है. टीएचआर के माध्यम से सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और छोटे बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है, जिससे कुपोषण को रोका जा सके. लेकिन पिछले चार माह से इसकी आपूर्ति बंद होने के कारण लाभुक परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लाभुकों ने बताया कि आंगनबाड़ी का पोषाहार उनके बच्चों के लिए पोषण का प्रमुख स्रोत था, लेकिन अब इसके अभाव में बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. मुन्नी देवी, सरिता देवी, ममता देवी और मोनी देवी जैसे लाभुकों का कहना है कि यदि जल्द टीएचआर की आपूर्ति नहीं हुई, तो बच्चों का विकास प्रभावित हो सकता है. इस संदर्भ में बाल विकास परियोजना की सुपरवाइजर तृप्ति कुमारी ने बताया कि विभाग द्वारा टीएचआर की आपूर्ति नहीं की गयी है, जिसके कारण आंगनबाड़ी केंद्रों में इसका वितरण नहीं हो पा रहा है. उन्होंने आश्वासन दिया कि जैसे ही विभाग से टीएचआर की आपूर्ति होगी, इसका वितरण तुरंत शुरू कर दिया जाएगा. जदयू प्रखंड अध्यक्ष निर्मल कुमार दास, रंजन शुक्ला, रितिक कुमार, पंकज कुमार, शुभेंदु कुमार और नंदकिशोर झा ने विभाग से शीघ्र टीएचआर की आपूर्ति बहाल करने की मांग की है. उनका कहना है कि यदि यह स्थिति और लंबी चली, तो कुपोषण की समस्या और बढ़ सकती है, जिसका सीधा असर माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा. ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए लाभुकों को नियमित रूप से पोषाहार उपलब्ध कराने की अपील की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
