गोड्डा में छठ महापर्व की शुरुआत, नहाय-खाय से शुरू हुआ चार दिवसीय पर्व
खरना, अर्घ्य और पूजा सामग्री की खरीदारी में छठ व्रती और बाजारिकों की रौनक
लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा शनिवार को कद्दू भात के साथ प्रारंभ हो गया. कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर व्रती नहाय-खाय व्रत विधि विधान से करते हुए सुबह स्नान और ध्यान कर भगवान सूर्य की पूजा अर्चना की. इसके बाद घर में आम की लकड़ी पर कद्दू की सब्जी, अरवा चावल का भात और चना या अरहर की दाल बनाकर भोग ग्रहण किया और परिवार को भी वितरित किया. इस दिन व्रती महिलाएं खरना प्रसाद के लिए गेहूं धोकर सुखाती हैं. दूसरे दिन, रविवार को खरना पर्व मनाया जाएगा, जिसके पश्चात व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा. जिला मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों में छठी मैया की भक्ति में लोग लीन हैं. बाजारों में पूजा सामग्री और फलों की खरीदारी जोर पकड़ी है. इस दौरान सूप, दउरा, नारियल, ठेकुआ और अन्य फलों की अस्थायी दुकानें सज गयी हैं. पिछले साल के मुकाबले इस बार कीमतों में वृद्धि हुई है, लेकिन आस्था के आगे महंगाई का असर नहीं पड़ा. पुरोहित पंचानंद पांडेय ने बताया कि छठव्रती खरना का प्रसाद बंद कमरे में ग्रहण करती हैं. इस दौरान व्रती को शांति और श्रद्धा से प्रसाद ग्रहण करना आवश्यक होता है.
बिजली आपूर्ति और दूध की मांग
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि महापर्व के दौरान बिजली आपूर्ति निर्बाध रहेगी. खरना प्रसाद और सूर्य अर्घ्य के लिए दूध की मांग दोगुनी हो गयी है. डेयरी संचालक वासुदेव यादव ने बताया कि गाय के शुद्ध दूध की मांग बढ़ी है, जिसके कारण कीमतों में थोड़ी वृद्धि हुई है. इस प्रकार छठ महापर्व के पहले दिन से ही गोड्डा में आस्था और भक्ति का माहौल देखने को मिला.गोड्डा बाजार में सामग्री की कीमतें
गेहूं : 30-35 रू./किलो
गुड़ : 60 रू./किलोसूप : 320-380 रू./जोड़ा
दउरा : 150-250 रू./पीसगन्ना : 40 रू./जोड़ा
नींबू : 100 रू./जोड़ानारियल : 100-150 रू./जोड़ा
सिंघाड़ा : 100 रू./किलोसुथनी : 150 रू./किलो
आंवला : 100 रू./किलोसेब : 120-180 रू./किलो
नारंगी : 100-120 रू./किलोचिनीया केला : 400 रू./घौद
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