शादी समारोहों में डीजे और लेजर लाइट से लोग परेशान
रात 10 बजे के बाद ध्वनि प्रदूषण और तेज रोशनी के बावजूद कार्रवाई में उदासीनता
गोड्डा शहर और ग्रामीण इलाकों में वर्तमान में शादी समारोहों का सीजन चल रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई और आम लोगों की नींद प्रभावित हो रही है. मैरिज हॉल, रिसॉर्ट और निजी घरों में देर रात तक तेज आवाज में डीजे बजने से बुजुर्ग, मानसिक रोगी और हृदय रोगियों को गंभीर परेशानी हो रही है. सदर अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि तेज ध्वनि मनोरोगियों को बेचैनी और तनाव देती है, जबकि बुजुर्ग और हृदय रोगियों में हार्मोन असंतुलन के कारण दिल की धड़कन अनियंत्रित हो जाती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है. साथ ही डीजे के साथ इस्तेमाल की जा रही रंग-बिरंगी लेजर लाइट भी आंखों को नुकसान पहुंचा रही है. डॉक्टरों के अनुसार लेजर किरणें आंख की पुतली पर केंद्रित होकर जलन या अंधेपन की समस्या पैदा कर सकती हैं. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने रात्रि 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर और तेज संगीत पर प्रतिबंध लगाया है, बावजूद इसके पुलिस महकमा कार्रवाई में उदासीन है. कई मैरिज पैलेस रसूखदार लोगों के होने के कारण नियमों की अवहेलना होती रही है. लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन ध्वनि प्रदूषण के कारण उनकी परेशानी कम नहीं हो रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीजे बजाने को लेकर बैठक में गाइडलाइन के बारे में जानकारी दी जाती है. डीजे बजाने के मानक तय हैं. यदि कोई संचालक इसका उल्लंघन करता है तो कार्रवाई के लिए नजदीकी थाना पुलिस अधिकृत है. पुलिस की यह जिम्मेदारी है कि ऐसे आयोजनों पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करे.-बैद्यनाथ उरांव, एसडीओ गोड्डाB
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