पथरगामा के वरिष्ठ कांग्रेसी विजय विद्रोही का निधन
राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर
पथरगामा के तुलसीकित्ता निवासी एवं वरिष्ठ कांग्रेसी विजेंद्र उर्फ विजय विद्रोही का बुधवार को निधन हो गया. उनके परिजनों ने पथरगामा के शक्तिपीठ चिहारो पहाड़ के पीछे स्थित शमशान घाट में उन्हें विधिविधानपूर्वक पंचतत्व में विलीन किया. दाह संस्कार से पूर्व वरिष्ठ कांग्रेसी का शव तुलसीकित्ता, केशवटीकर आदि स्थानों का परिभ्रमण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में उनके चाहने वाले और समर्थक शामिल हुए. सूचना के अनुसार, विजय विद्रोही का निधन मंगलवार की देर शाम उनके तुलसीकित्ता स्थित आवास पर हुआ. वे 87 वर्ष के थे और दो बार पथरगामा प्रखंड अध्यक्ष के पद पर रह चुके थे. इसके अलावा वे जिला कांग्रेस कार्यकारिणी के भी सदस्य रह चुके थे. बताया गया कि वे पिछले कई महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे. वरिष्ठ कांग्रेसी के आकस्मिक निधन पर कांग्रेस प्रखंड इकाई और पथरगामा के गणमान्य व्यक्तियों ने गहरा शोक प्रकट किया. पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ उनके आवास पर जुट गयी. गोड्डा कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक चौबे, पूर्व जीपी सह वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रमादित्य चतुर्वेदी, सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक ब्रह्मदेव मिश्र, अनंत भगत, श्रीधर गोपाल भगत, सुभाष ठाकुर, मुनिलाल भगत सहित कांग्रेस के रामजीवन सिंह, दिलीप दास, दिलीप मांझी आदि ने विजय विद्रोही के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया. सभी ने कहा कि वे सभी के बीच अत्यंत लोकप्रिय थे और उनकी कमी हमेशा खलेगी.
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