Giridih News :कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे : अजय कुमार
Giridih News :राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के प्रयासों की कड़ी में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार ने गुरुवार को गिरिडीह सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने न केवल अस्पताल परिसर की स्थिति देखी, बल्कि विभिन्न चिकित्सा इकाइयों की व्यवस्था का भी बारीकी से मूल्यांकन किया.
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सदर अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, जतायी नाराजगी
राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के प्रयासों की कड़ी में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार ने गुरुवार को गिरिडीह सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने न केवल अस्पताल परिसर की स्थिति देखी, बल्कि विभिन्न चिकित्सा इकाइयों की व्यवस्था का भी बारीकी से मूल्यांकन किया. अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य सचिव ने सबसे पहले आउटडोर विभाग का दौरा किया, जहां उन्होंने मरीजों की भीड़, डॉक्टरों की उपस्थिति और ओपीडी में दी जा रही सेवाओं का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने अस्पताल के आपातकालीन वार्ड, आइसीयू, पोस्टमार्टम रूम और जनरल वार्ड का गहन निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने तैनात चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों से संवाद करते हुए व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की. कई स्थानों पर उन्होंने स्वच्छता, उपकरणों की उपलब्धता, बेड की स्थिति और दवा वितरण प्रणाली को लेकर नाराजगी भी जाहिर की. स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार का उद्देश्य लोगों को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने निर्देश दिया कि अस्पताल में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाये.जर्जर भवन और खराब वाहनों पर जताई चिंता
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार ने अस्पताल परिसर की संरचनात्मक स्थिति और संसाधनों को लेकर गहरी चिंता जतायी. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अस्पताल में मौजूद कई भवन अत्यंत जर्जर हालत में हैं, जिनकी दीवारें और छतें जगह-जगह से टूट चुकी हैं. बताया कि अस्पताल परिसर में कई एंबुलेंस और चिकित्सा उपयोग के वाहन मरम्मत की स्थिति में खड़े हैं, जिनका नियमित उपयोग संभव नहीं हो पा रहा है. सचिव ने कहा कि गिरिडीह जैसे जिले में जहां आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में मरीज आते हैं, वहां वाहन सेवाओं का सशक्त होना बेहद आवश्यक है. कहा कि अगर एंबुलेंस सही समय पर मरीज को नहीं मिलेगी या इलाज के लिए लाने-ले जाने में देरी होगी, तो उसका सीधा असर मरीज की जान पर पड़ सकता है. ऐसे में हमें संसाधनों की मरम्मत और पुनर्स्थापन में कोई देरी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने मौके पर मौजूद सिविल सर्जन को निर्देशित किया कि सदर अस्पताल परिसर में स्थित सभी जर्जर भवनों और अनुपयोगी वाहनों की एक सूची तैयार की जाये और तत्काल प्रभाव से मरम्मत कार्य प्रारंभ किया जाए. स्वास्थ्य सचिव ने यह भी ऐलान किया कि गिरिडीह सदर अस्पताल को जल्द ही सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की सुविधा से लैस किया जाएगा. जल्द शुरू होगी सीटी स्कैन और एमआरआई की सुविधानिरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने जानकारी दी कि बहुप्रतीक्षित सीटी स्कैन और एमआरआई जांच की सुविधा अब जल्द ही गिरिडीह सदर अस्पताल में उपलब्ध करायी जाएगी. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के क्रम में उन्होंने अस्पताल के विभिन्न विभागों और इकाइयों का गहन अवलोकन किया, जिसमें मौजूद चिकित्सा उपकरणों की स्थिति की भी समीक्षा की गयी. अधिकतर उपकरण कार्यरत अवस्था में पाए गए, लेकिन सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी अत्यंत आवश्यक जांच सुविधाओं की अनुपलब्धता को एक गंभीर कमी के रूप में चिह्नित किया गया. कहा कि गिरिडीह जैसे जिले में जहां अधिकांश आबादी ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आती है, वहां के मरीजों के लिए यह बहुत बड़ी चुनौती होती है कि वे प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर्स में महंगे दरों पर सीटी स्कैन और एमआरआई करवाएं. कई बार तो मरीज आर्थिक अभाव में जांच ही नहीं करवा पाते, इससे गंभीर बीमारियों का समय पर इलाज नहीं हो पाता. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस गंभीर समस्या को देखते हुए विभाग ने प्राथमिकता के आधार पर कार्ययोजना बनाई है, और आने वाले कुछ महीनों के भीतर गिरिडीह सदर अस्पताल में ये दोनों आधुनिक जांच सुविधाएं शुरू कर दी जाएंगी. इससे जिले के हजारों मरीजों को सीधा लाभ मिलेगा और उन्हें बेहतर इलाज की दिशा में एक नया विकल्प उपलब्ध होगा.गैरहाजिर चिकित्सकों और कर्मियों पर स्वास्थ्य सचिव की टेढ़ी नजरनिरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव अजय कुमार ने अस्पताल की व्यवस्था को नजदीक से परखा. इस क्रम में उन्हें एक अत्यंत गंभीर लापरवाही का सामना करना पड़ा, कई चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी बिना किसी पूर्व सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए. इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य सचिव ने बेहद सख्त रुख अपनाया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी गैरहाजिर कर्मियों की सूची तत्काल तैयार की जाए और उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाए. राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए हर स्तर पर गंभीर है. लेकिन अगर ज़मीनी स्तर पर कार्यरत लोग अपनी जिम्मेदारियों से भागेंगे, तो हम चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी कर्मी बिना ठोस कारण के अनुपस्थित पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सस्पेंशन से लेकर टर्मिनेशन तक की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को यह भी कहा कि अस्पतालों की निगरानी प्रणाली को और सख्त बनाया जाए, ताकि नियमित रूप से उपस्थिति और कामकाज की रिपोर्टिंग सुनिश्चित हो सके.
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