Giridih News :जानवरों से फसल बचाने के लिए खेतको में बनेगा दो अस्थायी कांजी हाउस
खेती-बाड़ी को बचाये रखने के लिए बगोदर प्रखंड के खेतको गांव के लोगों ने एक पहल की है. ग्रामीणों ने खेतों में लगी फसल को जानवरों से बचाने के लिए एक रणनीति बनायी है, ताकि किसानों का खेतों से लगाव और फसल लगाने की परंपरा बनी रहे. इसके लिए खेतकों में दो अस्थायी कांजी हाउस बनाने का निर्णय लिया गया है.
खेतको गांव में पिछले पांच सालों से खेती का कार्य काफी प्रभावित हुआ है. किसानों का खेती कार्य से मोहभंग होता चला जा रहा था. इसका सबसे बड़ा कारण गांव में पशुओं का खुला छोड़ना है. पिछले पांच वर्ष में मात्र 20 प्रतिशत ही किसान साल भर खेती कार्य में रुचि रख रहे थे. अन्य किसान सिर्फ धान की खेती करते हैं. इससे खेत बंजर और परती हो रहा था. जिप सदस्य रीता देवी और मुखिया शालीग्राम प्रसाद ने किसानों को गोलबंद कर किसानों को साल भर खेती के लिए प्रेरित किया. दोनों ने किसानों से सब्जी, सरसों समेत अन्य फसल लगाने की सलाह दी.
बैठक में लिये गये कई निर्णय
सालों भर खेती के लिए बैठक भी हुई. इसमें कई निर्णय लिये गये. पशुओं पर नियंत्रण रखने को प्राथमिकता दी गयी. ग्रामीणों से कहा गया कि वह अपने जानवरों को संभालें. उन्हें खुला नहीं छोड़ें. साथ ही खेतों की फेंसिंग की जाये, ताकि जानवर खेतों में प्रवेश ना कर सकें. इसके लिए सभी को सामाजिक जिम्मेदारी के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया गया. ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा गया कि यह समस्या किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे गांव की है. कोई भी ग्रामीण लापरवाही बरतता है. तो गांव के लोग मिलकर उसे समझायें और जागरूक करें. कहा कि यदि किसी का फसल को नुकसान पहुंचता है और आपसी बातचीत से समाधान नहीं होता है, तो पशु मालिक को जुर्माना व मुआवजा देना अनिवार्य होगा. इससे पशुपालक अपने पशुओं पर नियंत्रण रखने को मजबूर होंगे. वहीं, फसल चरने की स्थिति से निबटने के लिए अस्थायी कांजी हाउस बनाने का भी निर्णय लिया गया. खेतको ग्राम सभा वे इसके लिए पंचायत में कांजी हाउस के लिए दो स्थानों का चयन किया गया. चिह्नित स्थल में करमाटांड़ व बखरी मुहल्ला शामिल हैं. ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि किसी भी फसल को नुकसान पहुंचाने वाले पशु को कांजी हाउस में सुरक्षित रखा जायेगा. कांजी हाउस में पशुओं के लिए चारा-पानी की व्यवस्था पंचायत सुनिश्चित करेगी.
निर्धारित किया गया जुर्माना
पकड़े गये मवेशी मालिक से जुर्माना निर्धारित किया गया है. इसमें बकरी, छोटा बछड़ा समेत अन्य छोटे पशुओं द्वारा फसल चरने पर दो सौ और गाय, बैल, भैंस समेत अन्य बड़े पशुओं के चरने पर चार सौ रुपये जुर्माना और मुआवजा देना होगा. इसके अलावा कांजी हाउस में पहुंचाये गए पशु को यदि मालिक पहले दिन नहीं ले जाता है तो छोटे पशु पर प्रति दिन 50 रुपये, बड़े पशु पर प्रति दिन एक सौ रुपये शुल्क देना होगा. साथ ही अतिरिक्त शुल्क भी लिया जायेगा. यदि 10 दिन में कांजी हाउस से पशु नहीं ले जाया जाता है, तो उन्हें गिरिडीह गोशाला भेज दिया जायेगा. अस्थायी कांजी हाउस के में शेड निर्माण कराया जायेगा. मुखिया शालिग्राम प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण सालों भर कृषि कार्य से जोड़े रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है. दिवाकर प्रसाद, इंद्रदेव प्रसाद, गिरधारी महतो, दशरथ प्रसाद, संतोष प्रसाद, विक्की कुमार, सिकंदर साव, टेकलाल महतो, गणपत महतो, रीना कुमारी आदि इस अभियान का हिस्सा बने.
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