Giridih News :खपरैल भवन में चल रहा जमुआ थाना, लोहे का खंभा लगाकर रहते हैं पुलिस कर्मी
Giridih News :झारखंड के 25 वर्ष पूरे होने वाले हैं, लेकिन जमुआ थाना आज भी खपरैलनुमा भवन में संचालित है. झारखंड राज्य के गठन के बाद लोगों का लगा था कि राज्य में विकास की किरणें दिखायी देंगी, पर आम लोगों को सुरक्षा देनेवाला जमुआ थाना के पुलिसकर्मी खुद ही असुरक्षित हैं.
जर्जर थाना भवन ने पुलिसकर्मियों की परेशानी बढ़ा दी है. थाना भवन अंग्रेजों के समय का बना हुआ है. इसमें लगे बांस-बल्ली आदि टूटने लगे हैं. स्थिति यह है कि लोहे के खंभे पर छत टिकी हुई है. बरसात में भवन के गिरने का खतरा बढ़ जाता है. इस दौरान अनहोनी का आशंका से रहती है. साथ ही दस्तावेजों के भींगने और नष्ट होने का भी डर बना रहता है.
2008 में बना था नया भवन, हो गया जर्जर
वर्ष 2008 में यहां लाखों की लागत से नया थाना भवन और गार्ड रूम की आधारशिला रखी गयी थी. भवन निर्माण में संवेदक ने काफी अनियमितता बरती और जैसे-तैसे भवन को खड़ा कर दिया गया. इस भवन के ठीक से नहीं बनने के कारण इसे विभाग ने हैंडओवर नहीं विया. इसके कारण कारण यह भवन भी वर्तमान में जर्जर हो गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि नये भवन में ठीक से ना तो प्लास्टर हुआ है और ना ही खिड़की-दरवाजे लगे हैं. यह भवन भी अब टूटकर गिरने लगा है. दीवारों पर झाड़ियां उगने लगी हैं.
वरीय अधिकारी भी नहीं ले रहे सुध
यहां किसी अधिकारियों का आवास भी रहने लायक नहीं है. इसके इसके बाद भी वरीय अधिकारी सुध नहीं लेते हैं. थाना प्रभारी मणिकांत कुमार ने बताया कि जर्जर थाना भवन के संबंध में पूर्व के थानेदार ने वरीय अधिकारियों ले पत्राचार किया था. उन्होंने भी जिलास्तर की बैठक में वरीय अधिकारियों को जर्जर भवन की जानकारी दी है, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई है.
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