Giridih News: सम्यक दर्शन, ज्ञान व आत्मा का सच्चा भंडार है क्षमा : आगम जैन शास्त्री

Giridih News: जब व्यक्ति अपने प्रति किये गये अपमान या अन्य को भी सहन कर लेता है और मन में बदले की भावना नहीं रखता, इसे ही उत्तम क्षमा की श्रेणी में रखा जाता है. क्षमावान मनुष्य अजातशत्रु की तरह रहता है. क्षमा ही सम्यक दर्शन, ज्ञान तथा आत्मा का सच्चा भंडार है.

By MAYANK TIWARI | August 30, 2025 12:12 AM

देर शाम को राजस्थान के सांगानेर (जयपुर) से आये आगम जैन शास्त्री ने अपने प्रवचन में कहा कि मानव से गलती होना प्रवृत्ति है. ऐसे में वैसे व्यक्ति के प्रति ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध आदि नहीं करना चाहिए. उन्हें माफ कर देना ही उत्तम क्षमा है. जब व्यक्ति अपने प्रति किये गये अपमान या अन्य को भी सहन कर लेता है और मन में बदले की भावना नहीं रखता, इसे ही उत्तम क्षमा की श्रेणी में रखा जाता है. क्षमावान मनुष्य अजातशत्रु की तरह रहता है. क्षमा ही सम्यक दर्शन, ज्ञान तथा आत्मा का सच्चा भंडार है. क्षमाशील व्यक्ति अहंकार और द्वेष रहित होता है. यह आत्मा को स्वच्छ बनाकर मोक्ष प्राप्ति की ओर अग्रसर करती है. प्रवचन कार्यक्रम के पश्चात जैन समाज की उपस्थित महिलाओं के बीच धार्मिक अंत्याक्षरी प्रतियोगिता आयोजित की गयी. इस मौके पर जैन समाज के काफी संख्या में महिला-पुरुष उपस्थित थे.

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