झारखंड का एक ऐसा प्रखंड जहां डॉक्टर्स की जगह नीम-हकीमों के आसरे है लाखों की आबादी

गिरिडीह जिले के गावां प्रखंड की लाखों की आबादी आज भी नीक-हकीमों के सहारे है. यहां के लोग आज भी झोलाछाप चिकित्सकों पर आश्रित हैं. सरकारी स्तर पर इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामोंणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 21, 2023 5:56 AM

गावां (गिरिडीह), विनोद पांडेय : गिरिडीह जिले के गावां प्रखंड में सरकारी स्तर पर इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है. इसके कारण लोगों को काफी कठिनाई हो रही है. स्थिति यह है कि बीमार पड़ने पर लोगों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. मजबूरी में लोग नीम-हकीम व झोला छाप चिकित्सकों के चक्कर में पड़ जाते हैं. प्रखंड में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व ग्यारह स्वास्थ्य उपकेंद्र स्वीकृति हैं. गावां का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतिरिक्त प्रभार में चल रहा है. यहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्रमोहन कुमार का तबादला राजधनवार में हो चुका है. हालांकि, व्यवस्था बनने तक उन्हें यहां से विरमित नहीं किया जा रहा है. यहां मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी आयुष चिकित्सक डॉ हबीबुल्लाह एवं डॉ काजीम खान को सौंपा गया है. सरकारी एएनएम की संख्या तीन है, जबकि पांच को अनुबंध पर रखा गया है. यहां कम से कम 10 चिकित्सक व 25 एएनएम का पद सृजित हैं.

ग्रामीण क्षेत्र के केंद्रों में लटका है ताला

ग्रामीण क्षेत्र के केंद्र में ताला लटका हुआ है. पीएचसी पिहरा एवं माल्डा कर्मियों के अभाव में बंद पड़ा है. स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थिति भी बदतर है. प्रखंड में चार हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर की स्थापना की गयी थी. गदर, जमडार, सेरूआ व मंझने में इसकी स्थापना कर यहां सीएचओ को प्रतिनियुक्त किया गया था, लेकिन लगभग एक वर्ष सेवा देने के उपरांत सभी ने इस्तीफा दे दिया. इस तरह सीएचओ के अभाव में पिछले लगभग एक वर्ष से इसमें भी ताला लटका है. केंद्र बंद रहने से यहां रखी गयी सामग्री या तो बर्बाद हो रहे हैं या चोर उठा ले जा रहे हैं. माल्डा में लगभग तीन माह पूर्व लाखों रुपये की चोरी हो चुकी है.

कई लोगों की जा चुकी है जान

सक्षम लोग तो गिरिडीह ,नवादा, कोडरमा, गिरिडीह आदि स्थानों में जाकर अपना इलाज करवा लेते हैं लेकिन गरीब झोला छाप चिकित्सक के भरोसे रहते हैं. जमडार में रविवार को एक महिला की मौत झोला छाप चिकित्सक से प्रसव करवाने के क्रम में हो गयी. इसके पूर्व भी माल्डा, पिहरा, पटना में लोगों की जान जा चुकी है. कभी-कभी तो ऐसे चिकित्सकों के पास इलाज के क्रम में मरीजों की स्थिति काफी बिगड़ जाती है. इसके बाद में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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विभाग जल्द पहल करे वर्ना होगा आंदोलन : प्रखंड प्रमुख

प्रखंड प्रमुख ललिता देवी ने कहा कि प्रखंड में चिकित्सकों के पदस्थापन की मांग सभी बैठकों में उठायी जाती है. इसके बाद भी विभाग द्वारा पहल नहीं किया जाना चिंता का विषय है. इस संबंध में विभाग शीघ्र पहल करें अन्यथा जनांदोलन किया जायेगा.

कर्मियों की नियुक्ति के बाद व्यवस्था में होगा सुधार : चिकित्सा पदाधिकारी

वहीं, चिकित्सा पदाधिकारी चंद्रमोहन कुमार ने कहा कि कर्मियों व चिकित्सकों के अभाव के कारण परेशानी हो रही है. इसके बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गावां में सुरक्षित प्रसव की उत्तम व्यवस्था है. यहां 24 घंटे सेवा उपलब्ध है. कर्मियों की कमी के संबंध में विभाग को सूचित किया गया है. कर्मियों की नियुक्ति के बाद व्यवस्था में सुधार होगा.

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