गिरिडीह : यूपीए-एनडीए में कांटे की टक्कर विधायक भी मोरचा पर

गिरिडीह : पांच बार सांसद बने रवींद्र कुमार पांडेय इस बार गिरिडीह लोकसभा चुनाव के परिदृश्य से गायब हैं. टिकट के दावेदारों की संख्या और आंतरिक कलह से बचने के लिए भाजपा ने यह सीट अपने सहयोगी दल आजसू पार्टी को दे दी है. आजसू ने सूबे के मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 8, 2019 7:57 AM
गिरिडीह : पांच बार सांसद बने रवींद्र कुमार पांडेय इस बार गिरिडीह लोकसभा चुनाव के परिदृश्य से गायब हैं. टिकट के दावेदारों की संख्या और आंतरिक कलह से बचने के लिए भाजपा ने यह सीट अपने सहयोगी दल आजसू पार्टी को दे दी है. आजसू ने सूबे के मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है. श्री चौधरी का सामना महागठबंधन के उम्मीदवार झामुमो के जगरनाथ महतो से है.
चुनाव जीतने के लिए दोनों नेता अपना पूरा दमखम लगाये हैं. सोशल इंजीनियरिंग पर विशेष ध्यान रख रहे हैं. सच कहा जाये, तो गिरिडीह का राजनीतिक वार काफी दिलचस्प होता जा रहा है. पिछली दफे शिकस्त खाने वाले जगरनाथ महतो इस चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. दोनों नेता वार रूम के जरिये पूरी लड़ाई संचालित कर रहे हैं. सुदूर डुमरी प्रखंड के रामलखन महतो कहते हैं, दुविधा की स्थिति है. वैसे वोट किसी-न-किसी को देना ही है. दोनों में कौन मजबूत है, इस सवाल को श्री महतो सिरे से टाल देते हैं. गिरिडीह लोस क्षेत्र में भी विधानसभा की छह सीटें हैं.
चार पर एनडीए गठबंधन का कब्जा है, तो दो पर झामुमो का. गिरिडीह से भाजपा के निर्भय शहाबादी, बाघमारा से ढुलू महतो, टुंडी से आजसू के राजकिशोर महतो, बेरमो से भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल, डुमरी से झामुमो के जगरनाथ महतो तथा गोमिया से झामुमो की बबिता देवी विधायक हैं. इन विधायकों पर अपने-अपने दलों का पूरा दबाव है. शायद, लोकसभा चुनाव का परिणाम ही आने वाले दिनों में इनका राजनीतिक भविष्य तय करेगा़

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