व्यवसाय के लिए ऋण लेकर घरेलू आयोजनों पर कर देते हें खर्च
व्यवसाय के लिए ऋण लेकर घरेलू आयोजनों पर कर देते हें खर्च
रमना प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में माइक्रो फिनांस समूह के चंगुल में फंसकर ग्रामीण खासकर महिलाएं शोषण का शिकार हो रही हैं. ग्रामीण व एसएचजी की महिलाएं छोटे व्यवसाय करने के लिए फिनांस कंपनियों से ज्यादा ब्याज दर पर ऋण लेते हैं. फिर लंबी किस्तों में ऋण का भुगतान करते-करते इनकी हालत पस्त हो जाती है. बेरोजगारी व पलायन की लगातार मार झेल रहे गरीबों का भरपूर फायदा उठाते हुए माइक्रो फिनांस कंपनियां भी अपने जाल में फंसा रही हैं. इसका नतीजा कुछ किस्तें चुकाने के बाद समझ में आ रहा है. पर तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. इस दौरान कुछ महिलाएं जैसे-तैसे पैसे चुका रही हैं. वहीं कई महिलाएं पैसा नही दिये जाने के बाद अपने घर परिवार छोड़ने पर विवश हो रही हैं. सबसे बड़ी बात कि पहले लिये गये ऋण का पांच-10 किश्त जमा करने के बाद ही ये फिनांस कंपनियां दोबारा उन्हें नये कर्ज देने को तैयार हो जाती हैं. उधर ग्रामीण लगातार इसकी चपेट में पड़ते जा रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
