एनआरसी व सीएए के बाद गढ़वा में इकोनॉमिक सर्वे का विरोध

एनआरसी और सीएए को लेकर देश में चल रहे विरोध के बीच गढ़वा जिले में इकॉनोमिक सर्वे (आर्थिक गणना) को बाधित कर देने का मामला सामने आया है़ रंका प्रखंड के एक विशेष समुदाय बहुल दूधवल पंचायत में इकोनॉमिक सर्वे के लिए गयी टीम को वहां के ग्रामीणोंं और बीडीसी द्वारा लौटा दिया गया़

By Shaurya Punj | March 4, 2020 11:31 PM

गढ़वा : एनआरसी और सीएए को लेकर देश में चल रहे विरोध के बीच गढ़वा जिले में इकॉनोमिक सर्वे (आर्थिक गणना) को बाधित कर देने का मामला सामने आया है. रंका प्रखंड के एक विशेष समुदाय बहुल दूधवल पंचायत में इकोनॉमिक सर्वे के लिए गयी टीम को वहां के ग्रामीणोंं और बीडीसी द्वारा लौटा दिया गया.

ग्रामीणों का कहना है कि देश में सीएए और एनआरसी को लेकर माहौल गरम है और इसका विरोध हो रहा है़ इसलिए जब तक वे इस सर्वेक्षण को आपस (ग्रामीण) में बैठ कर समझ नहीं लेंगे, तब तक इसे यहां नहीं होने देंगे़ ग्रामीणों के विरोध के बाद सर्वे का काम करने गये डंडई के पचौर गांव के वीएलइ (कॉमन सर्विस सेंटर संचालक) संजीव कुमार को वहां से लौट जाना पड़ा़ वीएलइ संजीव कुमार ने सर्वे को लेकर ग्रामीणों के विरोध की जानकारी सीएससी मैनेजर मनीष कुमार को दी.

इस के बाद सीएससी मैनेजर श्री कुमार ने सीएससी के अपने वरीय पदाधिकारियों को इसकी जानकारी प्रेषित की है़ जिले की दूधवल पंचायत में 13 गांव हैं. इनमें दूधवल, बेलवादामर, अमवार, मखातू, अनहर, बाहुकुदर, बाराडीह, नगारी, खपरमंडा, नावाडीह, हेताड़, परगवल, नगवा व जून गांव शामिल हैं.

गढ़वा जिले में सितंबर से आर्थिक गणना का कार्य किया जा रहा है़ इसे जनवरी माह में ही समाप्त कर देना था़ लेकिन सीएए व एनआरसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन की वजह से जिले में सर्वेक्षण करने में परेशानी हो रही है.

खासकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सर्वेक्षण करने के दौरान ग्रामीण सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं. जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वेक्षण का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है़, जबकि दूधवल पंचायत में विरोध के कारण अभी यह शुरू भी नहीं हो सका है.

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