देर रात लाइन में खड़े रहते हैं लोग

गोदरमाना : झारखंड एवं छत्तीसगढ़ सीमा को बांटते हुए बहनेवाली कनहर नदी बैशाख महीने से पूरी तरह सूख गयी है़ इसकी वजह से छत्तीसगढ़ सीमा से सटा झारखंड का आखिरी गांव गोदरमाना में पेयजल व पशुओं के लिए पानी आदि की भारी किल्लत हो गयी है. स्थानीय किसान गोपाल यादव, संजय यादव, मुकेश राम आदि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 21, 2019 2:21 AM

गोदरमाना : झारखंड एवं छत्तीसगढ़ सीमा को बांटते हुए बहनेवाली कनहर नदी बैशाख महीने से पूरी तरह सूख गयी है़ इसकी वजह से छत्तीसगढ़ सीमा से सटा झारखंड का आखिरी गांव गोदरमाना में पेयजल व पशुओं के लिए पानी आदि की भारी किल्लत हो गयी है. स्थानीय किसान गोपाल यादव, संजय यादव, मुकेश राम आदि ने बताया कि उनके पशुओं के पीने के पानी के लिए एकमात्र सहारा कनहर नदी ही है.

लेकिन यह भी पूरी तरह सूख गयी है़ कनहर नदी सूखने से भूजल भी काफी नीचे चला गया है़ इसके चलते गोदरमाना के 45 चापाकलों में करीब 37 चापाकल पूरी तरह सूख गये है़ं शेष बचे चापाकल भी हांफ रहे है़. पानी के जुगाड़ में स्थानीय ग्रामीण शाम होते ही चापाकलों के पास कतार लगाकर खड़े हो जाते है़.

यह सिलसिला देर रात तक चलती है. वहीं गोदरमाना की पेयजल आपूर्ति केंद्र भी प्रशासनिक उपेक्षा के कारण करीब एक साल से बंद पड़ी है़ स्थानीय सांसद एवं विधायक के आश्वासन के बाद भी पेयजल आपूर्ति केंद्र अभी तक चालू नहीं हो सकी है. इसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है.

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