East Singhbhum News : विषधर नागों को गले में डालकर की मां मनसा की भक्ति

धालभूमगढ़ : मोहलीशोल में मनसा पूजा पर झापान आयोजित, उमड़ी भीड़

By ATUL PATHAK | August 17, 2025 11:52 PM

धालभूमगढ़. धालभूमगढ़ प्रखंड के मोहलीशोल गांव में मनसा पूजा पर झापान का आयोजन किया गया. मनसा मेला का उद्घाटन राजस्थान हाइकोर्ट के जज आलोक कुमार, भारतीय वन सेवा की अधिकारी ममता प्रियदर्शनी, एडिशनल एसपी सनीवर्द्धन शुक्ला ने किया. मौके पर भाजपा नेता बाबूलाल सोरेन भी उपस्थित थे. झापान बने दो लोगों ने पूजा के बाद विषधर नागों को गले में डालकर पालकी पर सवार होकर दिघी बांध तक गये. वहां नागों को नहला कर पूजा के बाद घट लाया गया. प्रखंड के मोहलीशोल मनसा मेला में आयोजित मनसा पूजा क्षेत्र में प्रसिद्ध है. लगभग 300 वर्षों से यहां पूजा हो रही है. गांव के लगभग सभी लोग सांपों के जानकार हैं तथा मनसा देवी की पूजा करते हैं. इसके लिए कई दिनों पूर्व जंगल से विषधर नागों को पकड़ कर रखा गया था. पूजा एवं मनसा मंगल के गायन के बाद विशेष रूप से लकड़ी की बनी पालकी पर झापान सवार हुए. पारंपरिक रूप से पान के पत्ते में जड़ी मुंह में डालकर नागों को गले में लपेटा. इस दौरान जहरीले नाग लगातार उन्हें डस रहे थे. इसका उनपर कोई असर नहीं हो रहा था. कमेटी के अजीत दास ने बताया कि 1799 में मोहलीशोल गांव बसने के साथ ही मनसा पूजा की शुरुआत हुई थी. आज तक चल रही है. पूजा के दौरान गांव के लगभग हर घर के रिश्तेदार पहुंचते हैं. झापान मेला में शामिल होते हैं. मनसा पूजा के आयोजन में दीपक दास, अजीत दास, तुषार पंडित, खिरोद उस्ताद, अभिरंजन उस्ताद, रोहिन दास, रवींद्र पंडित, खोकन पंडित, पूर्णचंद्र काहिली, जयप्रकाश पंडित, शिवशंकर दास, कुंदन दास, अनुप दास का सक्रिय योगदान था. इस मौके पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया था.

इसमें ऑर्केस्ट्रा, बांग्ला जात्रा एवं झुमूर संगीत का भी आयोजन किया गया.

बहरागोड़ा-बरसोल के क्षेत्रों में हुई मां मनसा की पूजा, गाजे-बाजे संग निकली कलश यात्राबहरागोड़ा के पाटपुर गांव में कर परिवार व इंचड़ासोल में कुंडू परिवार में रविवार को मां मनसा की पूजा विधि विधान से हुई. शाम को स्थानीय तालाब से गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गयी. कलश स्थापना के बाद पुजारियों ने पूजा की. पूजा के बाद लोगों के बीच प्रसाद बांटा गया.

बरसोल में हुई मां मनसा की पूजा

बरसोल के विभिन्न गांवों में रविवार को मां मनसा की पूजा हुई. तालाब से पुजारी ने विधि विधान के साथ पूजा कर कलश यात्रा निकाली. स्थानीय कीर्तन मंडलियों द्वारा कीर्तन प्रस्तुत करते हुए मंडप प्रांगण में कलश की स्थापना के बाद पूजा हुई. सोनाकोड़ा, मानुषमुड़िया, कुमारडूबी व अन्य कई गांव में मां की आराधना हुई. श्रद्धालुओं ने पूजा कर मां सुख-समृद्धि की कामना की.

कोकपाड़ा में मनसा पूजा पर झापान आयोजित

कोकपाडा नायेक पाड़ा आदिवासी कल्चरल क्लब के तत्वावधान में मनसा पूजा पर झापान का आयोजन किया गया. यहां 1956 से मां मनसा की पूजा हो रही है. झापान यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. विषधर नागों को गले में डालकर जापान यात्रा गांव के तालाब तक पहुंची. यहां नागों को नहला कर घाट लाया गया तथा मनसा देवी की पूजा की गयी. मौके पर पूरे गांव में भक्तिमय वातावरण बन गया. हर घर से लोग मां मनसा की पूजा करने पहुंचते हैं. तैतूलतल क्लब कमेटी द्वारा मां मनसा पूजा की गयी. नायेक पाड़ा क्लब में मुख्य पुजारी लक्ष्मी कांत नायेक के अलावा पंकज नायेक, नानी गोपाल बेरा, एकादशी बेरा, राज पंडा, गोपेश्वर नायेक, ललित दिगार, मतिलाल भूमिज तथा तेतुलतल क्लब में भोंदा नायेक, कुनुबाबू नायेक, गोपाल नायेक, देबराज नायेक, हतेश्वर नायेक का योगदान रहा.

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