East Singhbhum News : प्रशासनिक भवन का छज्जा गिरने से टुना सबर की गयी जान
3 साल से टुना सबर बादलगोड़ा के पुराने पंचायत भवन में ही रह रहा था
डुमरिया. डुमरिया प्रखंड के जंगल ब्लॉक गांव के दाम्पाबेड़ा टोला निवासी टुना सबर (57) की मौत सोमवार को एमजीएम में हो गयी. गुरुवार को छत का छज्जा गिरने से उसकी जांघ की हड्डी टूट गयी थी. उसे डुमरिया सीएचसी से सदर रेफर किया गया था. सदर से एमजीएम रेफर कर दिया गया था. जहां सोमवार को टुना सबर की मौत हो गयी. व्यवस्था पर कई सवाल छोड़ गयी टुना सबर की मौत : 2022 में जब टुना सबर चर्म रोग से ग्रसित होकर जिंदगी और मौत से जूझ रहा था, तब प्रभात खबर ने इस खबर को प्रमुखता से छापा था. तब तत्कालीन डीसी विजया जाधव के निर्देश पर प्रशासन ने टुना सबर को एमजीएम पहुंचाया था. यहां महीनों डीसी की देखरेख में उसका इलाज हुआ. जब वह स्वस्थ होकर लौटा तो घर नहीं होने के कारण प्रशासन की ओर बादलगोड़ा के पुराने पंचायत भवन में उसे रखा गया. जब तक विजया जाधव रहीं तब तक उसे राशन भी मिलता रहा. विजया जाधव के जाने के बाद राशन भी कम हो गया. टुना सबर को डाकिया योजना का लाभ नहीं मिला. उसका पीएच कार्ड बना, जिसमें सिर्फ 10 किलो चावल सबर दंपती को मिलता था. इससे गुजारा नहीं होता था. केंदुआ की मुखिया भी आर्थिक सहयोग करती रही. टुना को सरकारी आवास भी नहीं मिला. तीन साल से वह पुराने पंचायत भवन में ही रह रहा था. उसी पंचायत भवन की छत का छज्जा टुना पर गिरने के बाद इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी.
मौत के बाद प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की गयी :
टुना सबर को पेंशन मिलती थी, पर उसकी पत्नी पेंशन से वंचित थी. टुना सबर को वनपट्टा भी नहीं मिला. टुना सबर के भाई 53 वर्षीय सोमा सबर को भी आजतक आवास नहीं मिला. सोमा सबर ने ही टुना सबर का अंतिम संस्कार अन्य सबरों के साथ मिलकर किया. उदय मुर्मू ने टुना सबर के भाई सोमा सबर को आर्थिक सहयोग भी किया. क्रियाकर्म में भी सहयोग करेंगे. इस क्रम में प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की गयी. अगर समय पर टुना सबर को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की लाभ मिलता, तो आज टुना सबर जिंदा होता.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
