East Singhbhum News : बारिश से कुम्हारों की चाक की रफ्तार हुई धीमी, दिवाली में दीये की आपूर्ति चुनौती
बहरागोड़ा : माटिहाना पंचायत में करीब 30 परिवार बनाते हैं मिट्टी के सामान
बहरागोड़ा. बहरागोड़ा प्रखंड की माटिहाना पंचायत अंतर्गत कुंवरदा और माटिहाना के लगभग 30 कुम्हार परिवार मिट्टी के बर्तन, दीये आदि बनाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं. ये अपने पुश्तैनी धंधे को बचा रहे हैं. हालांकि, इस साल बीते तीन-चार माह से लगातार बारिश के कारण कुम्हारों के समक्ष गंभीर संकट है. उन्हें मिट्टी के दीये, हंडी, धुना बत्ती निर्माण में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि यही स्थिति रही, तो दीपावली के समय मार्केट में दीये उपलब्ध करा पाना मुश्किल होगा.
कुम्हार मिट्टी व लकड़ी खरीद कर सामान बनाते हैं. अधिकतर सामान की बिक्री दीपावली व मकर संक्रांति में होती है. अन्य समय ज्यादातर कारीगर मजदूरी करते हैं. सरकारी स्तर पर उन्हें कोई खास लाभ नहीं मिल रहा है.युवा कर रहे पलायन
जानकारी के अनुसार, मिट्टी के सामान बनाकर आमदनी कम होती है. इस कारण युवा पीढ़ी रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं. कुछ तमिलनाडु में मजदूरी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि मिट्टी और लकड़ी खरीदने में काफी खर्च हो जाता है. ऊपर से असमय बारिश एक आफत बनी है.
धीरे-धीरे पुश्तैनी धंधा छोड़ रहे कुम्हार
दुर्गा बेरा ने बताया कि एक समय यहां के लगभग 80 परिवार मिट्टी की कलाकृति बनाने का काम करते थे. महंगाई व आधुनिकता की चकाचौंध में लोग मिट्टी के समान से दूर होते जा रहे हैं. अब स्थिति है कि लगभग 30 परिवार सिर्फ दीपावली और मकर संक्रांति में चाक घुमाते हैं. कुछ सामान बनाकर मार्केट व थोक पर बिक्री करते हैं.
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