आदिवासी युवाओं के सपनों को उड़ान दे रहा बिरसा मुंडा नेशनल हॉकी अकादमी, 45 बच्चे ले रहे प्रशिक्षण
National Sports Day: आदिवासी युवाओं के सपनों को पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका का बिरसा मुंडा नेशनल हॉकी अकादमी नयी उड़ान दे रहा है. इसमें 45 बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस अकादमी का उद्देश्य आदिवासी युवाओं को हॉकी की बेहतरीन ट्रेनिंग देकर उन्हें उत्कृष्ट खिलाड़ी बनाना है.
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National Sports Day: पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका स्थित तेतला में डेटन इंटरनेशनल स्कूल में बिरसा मुंडा नेशनल हॉकी अकादमी का निर्माण वर्षख 2024 में किया गया. बिरसा मुंडा नेशनल हॉकी अकादमी स्थानीय एवं आदिवासी युवाओं के लिए खेल और शिक्षा के नये द्वार खोल रही है. अकादमी पोटका जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में है. आधुनिक सुविधाओं और प्रशिक्षित कोचिंग के साथ ही यह केंद्र युवाओं को हॉकी में उत्कृष्टता प्राप्त करने का मौका दे रहा है.
प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मिले अंतरराष्ट्रीय पहचान
अकादमी का उद्देश्य स्थानीय एवं आदिवासी समुदाय के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का है. यह अकादमी युवा खिलाड़ियों को बड़े सपनों के साथ आगे बढ़ने का मौका दे रहा है. अकादमी में हॉस्टल, फिटनेस सेंटर की भी व्यवस्था है.
National Sports Day: 45 बच्चों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
झारखंड में 8 एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम हैं. उनमें से यह एक है. अकादमी डेटन स्कूल के अधीन है. यह आदिवासी समुदायों के द्वारा संचालित किया जा रहा है. वर्तमान में यहां 45 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें छोटी बच्चियों को भी प्रशिक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. प्रशिक्षण कार्य में नवल टाटा हॉकी अकादमी का भी सहयोग मिल रहा है.
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ खेल को बढ़ावा
आदिवासी बहुल क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ खेल को भी बढ़ावा देने के लिए स्टेडियम का निर्माण किया गया है. कोल्हान का यह दूसरा एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम है. बिरसा मुंडा नेशनल हॉकी अकादमी खेल को शिक्षा के साथ जोड़ने की एक अनोखी पहल है. खेल के माध्यम से अनुशासन, आत्मविश्वास और गौरव का संदेश देने का प्रयास है.
हर गांव से बेहतरीन खिलाड़ी मिलेंगे
उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हर गांव से बेहतरीन खिलाड़ी देश को मिलेंगे. हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है और आदिवासी संस्कृति में इसकी जड़ें गहरी और मजबूत हैं. मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता था. इसलिए उनके जन्मदिन को भारत में नेशनल स्पोर्ट्स डे के रूप में मनाया जाता है. उम्मीद है कि झारखंड में हुई इस पहल से न केवल खेलों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं में अनुशासन, नशा मुक्ति और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी.
बिरसा मुंडा राष्ट्रीय हॉकी अकादमी आदिवासी समुदाय के लिए गर्व का क्षण है. आदिवासी बहुल ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक एस्ट्रो टर्फ स्टेडियम युवाओं के लिए बेहतर अवसर है. हॉकी सिर्फ खेल नहीं बल्कि हमारी संस्कृति का गौरव भी है. वर्तमान में यहां 45 बच्चों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा बच्चों को प्रशिक्षण मिले यह प्रयास रहेगा और जल्द ही हम बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय हॉकी अकादमी, ओडिशा से भी जुड़ जायेंगे. हमारे बच्चे वहां जाकर आवासीय प्रशिक्षण भी लेंगे.
बसंत तिर्की, सचिव, बिरसा मुंडा राष्ट्रीय हॉकी अकादमी, पोटका, पूर्वी सिंहभूम
हॉकी आदिवासी संस्कृति का हिस्सा है. यह खेल हमारी रगो में बसता है. आने वाले दिनों में इस क्षेत्र से भी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे खिलाड़ी मिलेंगे और देश दुनिया में नाम रोशन करेंगे. हम अपने बच्चों के लिए बेहतर सुविधा लाने का प्रयास कर रहे हैं. राष्ट्रीय खेल दिवस पर मेजर ध्यानचंद एवं मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा जी को नमन करते हैं.
बैद्यनाथ मांडी, उपाध्यक्ष , बिरसा मुंडा राष्ट्रीय हॉकी अकादमी,पोटका, पूर्वी सिंहभूम
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