PHOTOS: जमशेदपुर की हवा दिल्ली से भी खराब! एक्यूआइ 817, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद और टाटा स्टील ने उठाये सवाल

Jamshedpur Weather AQI: 4 दिसंबर की शाम 5 बजे से लेकर रात 9 बजे तक हवा की गुणवत्ता खराब थी. शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक एक्यूआइ क्रमशः 277, 295, 330, 322 और 263 दर्ज किया गया. हालांकि दिन भर यह स्तर सामान्य से मध्यम स्थिति में बना रहा.

By Mithilesh Jha | December 6, 2025 6:25 AM

Jamshedpur Weather AQI: क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म एक्यूआइ डॉट इन के अनुसार, बुधवार सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर शहर का एक्यूआइ लेवल 817 दर्ज किया गया. यह स्तर सामान्य मानकों से कहीं ऊपर और बेहद खतरनाक माना जाता है. दिलचस्प यह है कि जिस समय दिल्ली की खराब हवा को लेकर देशभर में चिंता जतायी जा रही है, उसी दौरान जमशेदपुर की एयर क्वालिटी उससे भी खराब दर्ज हुई.

जेएसपीसीसीबी और टाटा स्टील ने आंकड़ों पर उठाये सवाल

एक्यूआइ डॉट इन के इस आंकड़े पर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद (जेएसपीसीसीबी) और टाटा स्टील दोनों ने सवाल उठाये हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि शहर में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की लाइव मॉनिटरिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है, ऐसे में इस डेटा का आधार स्पष्ट नहीं है. टाटा स्टील ने भी कहा है कि कंपनी द्वारा की जाने वाली नियमित जांच में हवा की गुणवत्ता सामान्य मानकों के भीतर पायी गयी है.

खाली सड़क पर भी मास्क पहनकर चलते हैं बाइकर्स. फोटो : प्रभात खबर

Jharkhand Weather AQI: एक दिन में हवा की गुणवत्ता में बड़ी उथल-पुथल

एक्यूआइ डॉट इन के लाइव डेटा के अनुसार, 5 दिसंबर को सुबह 6.04 बजे तक जमशेदपुर का एक्यूआइ स्तर 96 था, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आता है. इसके बाद स्तर तेजी से बढ़ा.

समयएक्यूआइ लेवल
सुबह 7 बजे222
सुबह 8 बजे324
सुबह 9.05 बजे817 (सबसे अधिक)
सुबह 10 बजे585
सुबह 11 बजे284
स्रोत : aqi.in

रात 9 बजे तक खराब थी हवा की गुणवत्ता

इसके पहले 4 दिसंबर की शाम 5 बजे से लेकर रात 9 बजे तक हवा की गुणवत्ता खराब थी. शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक एक्यूआइ क्रमशः 277, 295, 330, 322 और 263 दर्ज किया गया. हालांकि दिन भर यह स्तर सामान्य से मध्यम स्थिति में बना रहा.

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एक्यूआइ लेवल बहुत अधिक दिखाया जा रहा है, पर इसका वास्तविक आधार क्या है, समझ से परे है. सीपीसीबी की लाइव कलेक्शन व्यवस्था जमशेदपुर में उपलब्ध नहीं है. हमारा क्षेत्रीय कार्यालय गोलमुरी, बिष्टुपुर और आदित्यपुर में मासिक जांच करता है, रोजाना डेटा उपलब्ध नहीं होता. इसलिए एक्यूआइ डॉट इन (aqi.in) का यह आंकड़ा संदिग्ध है.

जीतेंद्र सिंह, क्षेत्रीय पदाधिकारी, जेएसपीसीसीबी

सीपीसीबी गाइडलाइन के अनुसार एक्यूआइ के मायने

एक्यूआइ का स्तरएक्यूआइ के मायने
0-50अच्छा
51-100संतोषजनक
101-200मध्यम
201-300खराब
301-400बहुत खराब
401-500गंभीर
इसके ऊपर का स्तर बेहद खतरनाक माना जाता है. एक्यूआइ डॉट इन की रिपोर्ट के अनुसार जमशेदपुर कुछ समय के लिए ‘गंभीर’ श्रेणी से भी कहीं ऊपर चला गया.
मुंह और नाक ढककर स्कूटी से जाती महिलाएं. फोटो : प्रभात खबर

नगर निकायों की प्रदूषण मॉनिटरिंग मशीनें बेकार

शहर की हवा पर निगरानी के लिए मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद और अन्य निकायों ने 3 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग मशीनें लगायीं थीं. मानगो चौक पर लगी मशीन फ्लाईओवर निर्माण के कारण हटा दी गयी. डिमना चौक पर लगी मशीन महीनों से खराब है. जुगसलाई के टाटा पिगमेंट गेट के पास लगी मशीन भी लंबे समय से बेकार पड़ी है. स्थानीय लोगों और पर्यावरण से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि मशीनें लगायी जरूर गयीं, लेकिन इनके रख-रखाव और संचालन की तरफ किसी का ध्यान नहीं है. परिणामस्वरूप शहर में वास्तविक समय के प्रदूषण का कोई विश्वसनीय सरकारी आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.

ये आंकड़े किस तरह तैयार किये गये हैं, इसकी जानकारी नहीं है. कंपनी मानक प्रक्रिया के तहत प्रदूषण स्तर की जांच करती है और इसके अनुसार हवा की गुणवत्ता सुरक्षित सीमा में है. एक्यूआइ डॉट इन के डेटा का कोई ठोस आधार नहीं दिखता.

राजेश राजन, प्रवक्ता, टाटा स्टील

प्रदूषण बोर्ड ने जारी किया कड़ा पत्र

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने शहर के निकायों को चेतावनी भरा पत्र भेजा है. इसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सभी मॉनिटरिंग मशीनों को तुरंत चालू किया जाये. खराब मशीनों की मरम्मत करायी जाये या नयी मशीन लगायी जायें. एक्यूआइ डेटा में गफलत की स्थिति नहीं रहनी चाहिए. क्षेत्रीय पदाधिकारी जीतेंद्र सिंह ने सभी निकायों को बताया है कि हवा की गुणवत्ता से जुड़ी जानकारी जनता तक सटीक और नियमित रूप से पहुंचना जरूरी है.

जमशेदपुर में प्रदूषण का स्तर बढ़ा. फोटो : प्रभात खबर

असल प्रदूषण स्तर पर असमंजस, सिस्टम पर सवाल

जमशेदपुर में प्रदूषण का स्तर कितना है, इस पर फिलहाल स्पष्टता नहीं है. एक ओर . एक्यूआइ डॉट इन के आंकड़े खतरनाक स्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं, वहीं सरकारी एजेंसियां और टाटा स्टील इस डेटा पर सवाल उठा रहे हैं. जो भी हो, नगर निकायों की प्रदूषण जांच मशीनें बंद पड़ी हैं. यह बड़ा सवाल है. जब तक शहर में सरकारी स्तर पर रियल-टाइम मॉनिटरिंग बहाल नहीं होती, तब तक हवा की गुणवत्ता से जुड़ी हर रिपोर्ट संदेह के घेरे में रहेगी.

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